भोपाल। में पार्वती नदी का 49 साल पुराना पुल धसकने के बाद शुक्रवार को एमपीआरडीसी की 15 इंजीनियरों की टीम जांच करने पहुंची, जिसकी रिपोर्ट तैयार कर ली गई। दरअसल दो साल पहले भी इस पुल की मरम्मत की गई थी, लेकिन अब इस पुल को नए सिरे से बनाना पड़ेगा। जिसको लेकर इंजीनियर्स की टीम ने रिपोर्ट विभाग के एमडी को सौंप दी है। शनिवार को इस पर फैसला लिया जाएगा। बुधवार रात से बंद कार और फोर व्हील वाहनों के लिए दो दिन में डायवर्जन मार्ग बनाने का काम शुरु कर दिया है। शुक्रवार को पानी निकालने का काम शुरु कर दिया गया है।
नरसिंहगढ़ से कुरावर होकर भोपाल जा सकेंगे
मंगलगढ़ और बरायठा के बीच में पार्वती नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। नरसिंहगढ़ से नजीराबाद जाने के लिए इस मार्ग का इस्तेमाल न करें। नरसिंहगढ़ से देवगढ़, कुरावर होते हुए भोपाल की तरफ की यात्रा करें। नजीराबाद से नरसिंहगढ़ आने वालों को भी उस तरफ से रोका गया है। पुल की दो साल पहले की मरम्मत की गई थी। इसके पिलर में क्रैंक आने से यह धंस गया। इस दौरान दोनों ओर से करीब 50 किमी का फेरा ज्यादा लगेगा।
1976 में बनाया गया था पुल
भारी वाहन को रुनाहा-मकसूदनगढ़ से घूमकर जाना पड़ रहा है। यह पुल बैरसिया-नरसिंहगढ़ रोड पर है और 1976 में बनाया गया था। बैरसिया एसडीएम आशुतोष शर्मा का कहना है कि मप्र सड़क विकास निगम के संभागीय प्रबंधक को पत्र भी लिखा है। जिसमें बताया गया है कि पुल से आवाजाही के कारण जान-माल के नुकसान की आशंका है।
नया पुल बनने में लगेंगे तीन महीने
इस सड़क पर नया पुल बनाने में तीन महीने से अधिक का समय लग जाएगा। यह पुल 210 मीटर लंबा है। एमपीआरडीसी के इंजीनियर पवन अरोरा का कहना है कि वैकल्पिक रास्ता बनाने में दो से तीन दिन का समय लगेगा।
दो साल पहले की गई थी मरम्मत
पार्वती नदी पर बना ये पुल राजगढ़ और भोपाल जिले की सीमा पर है। यह नरसिंहगढ़ को नजीराबाद, बैरसिया, विदिशा और भोपाल से जोड़ता है। इसकी दो साल पहले ही मरम्मत की थी। पुल के एक तरफ बैरसिया और दूसरी तरफ नरसिंहगढ़ है।