रायपुर : छत्तीसगढ़ में दवा खरीदी में घोटाले का बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन का विवादों से काफी पुराना नाता है। प्रदेशभर के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में गैरजरूरी दवाओं की आपूर्ति को लेकर सीजीएमएससी विवादों में रही है। सीजीएमएससी ने प्रदेश के 170 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और 750 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ऐसी दवाओं की आपूर्ति की है। जिसकी अस्पतालों में जरूरत ही नहीं है। inh 24x7 और हरिभूमि ने रायपुर के स्वास्थ्य केंद्रों में रियलिटी चेक बातों का खुलासा हुआ था। हरिभूमि ने प्रमुखता से मुद्दा उठाया था।
ध्यानाकर्षण में उठा गड़बड़ी :
दवा खरीदी में घोटाले की गूंज विधान सभा तक सुनाई दे रही है। बीजेपी के सीनियर विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यानाकर्षण में सीजीएमएससी की तरफ से रीएजेंट और दवा खरीदी में गड़बड़ी को लेकर मुद्दा उठाया है। इस मामले पर सदन में धरमलाल कौशिक ने कहा कि, CGMSC की 660 करोड़ की दवा खरीदी में बड़ी गड़बड़ी की गई है। सामानों की खरीदी और वैसी दवाई खरीदी की डिमांड की गयी थी।
EOW से कराई जाएगी जांच :
मंत्री कौशिक ने दवा खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने का आरोप लगाया है। जिस पर जवाब देते हुए ध्यानाकर्षण में स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने घोषणा की है, पर मंत्री ने कहा कि, रीएजेंट खरीदी की EOW से जांच कराई जाएगी। मोक्षित कंपनी की रीएजेंट सप्लाई की भी जांच होगी। बतादें कि, इस मामले में बड़े पैमाने पर सदन में गड़बड़ी का आरोप लगा है।
सत्ता पक्ष के विधायकों ने लगाया आरोप :
जिसके बाद दवा खरीदी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री को विधायक लगातार घेरते रहे। इस बीच सत्ता पक्ष के विधायकों ने ये आरोप लगाया है कि बिना जरूरी, बिना डिमांड के रीएजेंट सप्लाई की गई। जिस पर मंत्री ने अपने जवाब पर माना कि 28 करोड़ की रिजेंट बर्बाद और भी खराब हो सकती है, और आने वाले समय में इसकी स्थित और भी ख़राब हो सकती है।पिछली सरकार में सुनियोजित भ्रष्टाचार हुआ है। BJP विधायकों की मांग पर हुई EOW जांच की घोषणा की है।