होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
अध्यात्म
मनोरंजन
सेहत
जॉब अलर्ट
जरा हटके
फैशन/लाइफ स्टाइल

 

IT मंत्री अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान, 10 महीनों में भारत खुद का AI मॉडल लॉन्च करेगा

IT मंत्री अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान, 10 महीनों में भारत खुद का AI मॉडल लॉन्च करेगा

India AI Model: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में चीन और अमेरिका की टक्कर के बीच भारत ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने का फैसला किया है। IT मंत्री अश्विनी वैश्नव ने गुरुवार (30  ज नवरी) को इसका ऐलान किया। अश्विनी वैश्नव ने कहा कि अगले 10 महीनों में भारत अपना खुद का AI मॉडल लॉन्च करेगा। उन्होंने कहा कि यह मॉडल भारतीय संदर्भ और संस्कृति के मुताबिक होगा। सरकार ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए 18,000 GPUs का एक विशाल कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, जो देश के स्टार्टअप्स और रिसर्चर्स को भी उपलब्ध कराया जाएगा।

DeepSeek और ChatGPT की टक्कर के बीच भारत की एंट्री
अमेरिकी AI कंपनियों पर चीन की DeepSeek AI ने कड़ी चुनौती पेश की है। OpenAI जैसे बड़े प्लेटफॉर्म के सामने DeepSeek का उभरना दिखाता है कि AI की दुनिया में नए खिलाड़ी भी अपनी जगह बना सकते हैं। अब भारत भी इस प्रतिस्पर्धा में शामिल होने जा रहा है। IT मंत्री ने कहा कि भारत एक ऐसे AI मॉडल पर काम कर रहा है, जो स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाएगा। इस मॉडल का मुख्य उद्देश्य भारतीय भाषाओं और डेटा के आधार पर बेहतर प्रदर्शन करना है।


सरकार का AI मिशन और GPU पावर
AI मॉडल को विकसित करने के लिए बड़े पैमाने पर कंप्यूटिंग पावर की जरूरत होती है। IT मंत्री के मुताबिक, DeepSeek AI को 2,000 GPUs से ट्रेन किया गया, जबकि ChatGPT को 25,000 GPUs का इस्तेमाल कर बनाया गया। भारत के पास फिलहाल 15,000 हाई-एंड GPUs हैं और 18,000 GPUs की एक नई कंप्यूट फैसिलिटी तैयार की गई है। GPU (Graphics Processing Unit) बड़े भाषा मॉडल (LLM) को ट्रेन करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये विशेष रूप से AI प्रोसेसिंग के लिए डिजाइन किए गए होते हैं, जो सामान्य GPU की तुलना में कहीं अधिक तेज और कुशल होते हैं।

भारत में कई क्षेत्रों में होगा AI का इस्तेमाल
सरकार सिर्फ टेक्नोलॉजी सेक्टर में ही नहीं, बल्कि दूसरे क्षेत्रों में भी AI को लागू करने की योजना बना रही है। IndiaAI मिशन के तहत हेल्थकेयर, एजुकेशन, एग्रीकल्चर और मौसम पूर्वानुमान जैसे क्षेत्रों में भी AI का इस्तेमाल किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत को AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा। AI तकनीक का उपयोग किसानों को बेहतर खेती के सुझाव देने, बाढ़ और सूखे की सटीक भविष्यवाणी करने और स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए किया जाएगा।

10 हजार करोड़ का AI मिशन
भारत के AI मिशन को सरकार की मंजूरी पिछले साल मार्च में मिली थी। 10 हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के तहत AI कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने की योजना है। सरकार का मानना है कि भारतीय AI मॉडल दुनिया में अपनी खास पहचान बनाएगा और तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। IT मंत्री अश्विनी वैश्नव ने कहा कि यह प्रोजेक्ट भारत के डिजिटल विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और देश की तकनीकी क्षमताओं को और अधिक सशक्त बनाएगा।


संबंधित समाचार