भोपाल। लोक निर्माण विभाग मध्य प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने शनिवार को गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर तक नव निर्मित डॉ. भीमराव आंबेडकर फ्लायओवर का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ विभाग के प्रमुख अभियंता, सेतु मंडल के वरिष्ठ अधिकारी व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी मुख्य अभियंता श्रवण कुमार सिंह भी मौजूद थे।उल्लेखनीय है कि यह महत्वाकांक्षी परियोजना हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पित की गई थी।
निरीक्षण के दौरान यातायात सुविधाए सुरक्षा साधनों तथा नवनिर्मित एलिवेटेड ब्रिज का गहन निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दल ने पाया कि एलिवेटेड कॉरिडोर के दोनों ओर क्रैश बैरियर और मुख्य केरिज वे के बीच की लगभग 18 इंच चौड़ी पटरी की गुणवत्ता अपेक्षित स्तर की नहीं है। इस पटरी को मुख्य स्लैब से जोड़ने के कार्य में कमी देखी गईए जिसके कारण कई स्थानों पर मुख्य स्लैब और पटरी के जोड़ों में क्षरण के चिन्ह दिखाई दिए।
तकनीकी निरीक्षण में लापरवाही सामने आई
गुणवत्ता में खामियों को देखते हुए लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग के उपयंत्री उमांकांत मिश्रा और प्रभारी सहायक यंत्री रवि शुक्ला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। ये दोनों अधिकारी परियोजना के प्रभारी थे और इनकी तकनीकी निरीक्षण में लापरवाही सामने आई है। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग भोपाल के कार्यपालन यंत्री जावेद शकील और सीई ब्रिज को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने किया निरीक्षण
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी श्रवण कुमार सिंह द्वारा निरीक्षण के दौरान तकनीकी सुझाव दिए गए। उनके अनुसारए ब्रिज में मौजूद डिजाइन गैप्स को भरने तथा उच्च गुणवत्ता का बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने ली कार्रवाई की जानकारी
लोक निर्माण विभाग के मंत्री राकेश सिंह ने इस पूरी कार्रवाई की समीक्षा कर कहा कि विभाग के कार्यों की गुणवत्ता सर्वोच्च प्राथमिकता पर है।
राइडिंग सरफेस की गुणवत्ता और फिनिशिंग संतोषजनक नहीं
तकनीकी अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान बताया कि करीब 3 किलोमीटर लंबे 4 लेन के इस एलिवेटेड कॉरिडोर की डिजाइन, सुरक्षा और स्ट्रक्चरल गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है, लेकिन राइडिंग सरफेस की गुणवत्ता और फिनिशिंग संतोषजनक नहीं पाई गई। विशेष रूप से दो स्थानों पर जहां एक्सपेंशन जॉइंट लगाए गए हैं, वहां अधिक क्षरण पाया गया। निरीक्षण दल को बताया गया कि मुख्य केरिजण्वे का निर्माण पेवर मशीन से किया गया था, लेकिन किनारे की 18 इंच की पटरी को मैन्युअल रूप से भरा गया था, क्योंकि वहां मशीन चलाना संभव नहीं था।
निर्माणकर्ता कंपनी के खिलाफ कार्रवाई
अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने निर्माणकर्ता कंपनी और अनुबंधकर्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने निर्माण कंपनी पर अनुबंधानुसार अर्थदंड लगाने तथा सभी सुधारात्मक कार्य अपने व्यय पर कराने का आदेश दिया है।