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Bhopal News : दिल्ली एनसीबी और गुजरात एटीएस को गुंडे-बदमाश समझकर पकड़ने बगरौदा पहुंची थी कटारा हिल्स पुलिस

Bhopal News : दिल्ली एनसीबी और गुजरात एटीएस को गुंडे-बदमाश समझकर पकड़ने बगरौदा पहुंची थी कटारा हिल्स पुलिस

भोपाल। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और गुजरात एटीएस ने जिस गोपनीय तरीके से बगरौदा में 1800 करोड़ की एमडी ड्रग्स पकड़ी , इस पूरे ऑपरेशन में एक दिलचस्प कहानी भी सामने आ रही है। दरअसल, भोपाल पुलिस को तक दूर दूर तक भनक ही नहीं थी कि इतने बड़े स्तर पर ड्रग्स का कारोबार चल रहा है। वो तो जब छापा पड़ा तो एक प्रिंटिग प्रेस के कर्मचारी को एटीएस और एनसीबी के लोग पूछताछ के लिए ले जा रहे थे।

 तभी उसके मालिक ने कटारा हिल्स थाने को सूचना दी कि कुछ लोग अचानक मेरे कर्मचारी को  किडनैप कर ले जा रहे हैं वो गुंडे-बदमाश हो सकते हैं। जल्दी आइए। फिर क्या था, कटारा हिल्स पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची तो एनसीबी ओर गुजरात एटीएस ने अपना परिचय दिया और बताया कि ड्रग्स से संबंधित पूछताछ के लिए उक्त कर्मचारी को उठाया है। इसके बाद पुलिस को पता चला कि यहां इतने बड़े स्तर पर ड्रग्स का कारोबार किया जा रहा था। 

 एटीएस और एनसीबी ने जिस ड्रग्स बनाने की फैक्ट्री में रेड की, ठीक उसके सामने एक प्रिंटिग प्रेस संचालित है। पहले टीम ने वहीं  एक कर्मचारी को कस्टडी में लिया और ड्रग्स कारोबार कीं पूछताछ की। हालांकि उसको बाद में छोड़ दिया क्योंकि उसका कनेक्शन ड्रग्स में पकड़े गए आरोपियों से नहीं था। टीम ने पहुंचकर सबसे पहले यह तस्दीक की तो कहां कहां ड्रग्स का कारोबार चल रहा है। 

एक ही स्थान पर ड्रग्स के कारोबार की सूचना कन्फर्म हुई तो टीम ने तत्काल रेड कर दी। एनसीबी और एटीएस के अफसरों को खुद अंदाजा नहीं था कि इतनी बड़ी मात्रा में एमडी ड्रग्स बरामद हो सकती है। एनसीबी और एटीएस गुजरात ने  भोपाल पुलिस को इस पूरे मामले की सूचना नहीं दी थी। हालांकि बाद में पुलिस कमिश्नर हरिनायण चारी मिश्र ने खुलासा करते हुए कहा कि इसमें भोपाल पुलिस भी शामिल थी।

चाय वाले को नहीं आने देते थे अंदर

एनसीबी और एटीएस की गिरफ्त में आए आरोपी सान्याल प्रकाश और अमित चतुर्वेदी चाय वाले को अंदर नहीं आने देते थे, फैक्ट्री के कर्मचारी बाहर ही चाय ले लेते थे। हालांकि चाय वाले को पहले ही शक हो गया था कि यहां कुछ संदिग्ध गतिविधियां चल रही हैं तो उसने आस-पास की अन्य फैक्ट्री वालों से इस संबंध में चर्चा भी की थी। लेकिन किसी के पास कोई प्रमाण नहीं था, इसलिए किसी ने दखल देना उचित नहीं समझा। जांच में यह भी खुलासा हुआ है  कि  जिस स्थान पर यह गोरखधंधा चल रहा था, आरोपी अक्सर फैक्ट्री के मेन गेट पर ताला लगाकर रखते थे,  ताकि कोई सीधे अंदर न आ सके। वहीं अधिकांश लोग यह भी समझते रहे कि अभी काम बंद है, शायद इसलिए ताला लगा होगा।
 

अब एमपी एटीएस भी हुई सक्रिय 


गुजरात एटीएस ने एनसीबी और मध्यप्रदेश पुलिस के साथ मिलकर मध्यप्रदेश में इतनी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। अब भोपाल पुलिस के साथ साथ  एमपी एटीएस भी सक्रिय हो गई है। प्रदेश भर के औद्योगिक क्षेत्रों पर तस्दीक शुरू कर दी गई है कि कहीं इस तरह का कारोबार और जगह तो नहीं हो रहा। 

कमिश्नर बोले-भोपाल पुलिस भी थी ज्वाइंट ऑपरेशन में शामिल 

इधर, पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने कहा कि एमडी ड्रग्स रेड के मामले में भोपाल पुलिस के अफसर भी मौके पर थे। एनसीबी और एटीएस के ज्वाइंट ऑपरेशन में भोपाल पुलिस भी शामिल थी। इस तरह की गतिविधियां अन्य स्थानों पर तो नहीं चल रहीं, इसकी तस्दीक की जा रही है।  फैक्ट्री मालिक के खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई की गई है।   

मप्र कांग्रेस चलाएगी नशे के खिलाफ जन जागरण अभियान

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ड्रग्स की फैक्ट्री को दुर्भाग्य जनक बताया है। पटवारी ने कहा पूरा प्रदेश और युवा पीढ़ी नशे की चपेट में है मप्र की स्थिति पंजाब से भी ज्यादा बुरी है , यहां पानी लेने के लिए महिलाएं 10 किमी जा रही है और रात में 2 बजे एमडी जैसे ड्रग्स और शराब कोई मांगें तो उपलब्ध हैं । सरकार हल्ला पीट रही है कि वह घर-घर पानी दे रही है, बल्कि वास्तविकता यह है की अधिकांश  जल योजनाएं अधूरी पड़ी हुई है।  कितना दुर्भाग्य जनक है की राजधानी के अंदर  ड्रग्स (एमडी) निर्माण की फैक्ट्री चल रही है। ड्रग्स बनाने का 5000 किलो कच्चा माल  बरामद हुआ है यदि इस कच्चे माल से ड्रग बन जाती तो  हजारों नौजवानों के भविष्य का क्या हाल होता । उन्होंने कहा कि    पटवारी ने कहा है कि नशे के खिलाफ और युवा पीढ़ी के सामने परोसे जा रहे नशीले पदार्थ शराब, गांजा, स्मैक पाउडर तमाम चीजों को लेकर प्रदेश में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी एक जन जागरण अभियान चलाएगी।  


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