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Bhopal News : साइबर क्राइम आने वाले समय में पुलिस और आमजनों के लिए बड़ी चुनौती

Bhopal News : साइबर क्राइम आने वाले समय में पुलिस और आमजनों के लिए बड़ी चुनौती

भोपाल। साइबर अपराधों की घटनाओं पर अंकुश लगाने और आगामी समय में आने वाली साइबर चुनौतियों से निपटने राजधानी के सभी 37 थानों में 1 दिसंबर से साइबर हेल्प डेस्क शुरू की गई है। डेस्क पर 5 लाख रुपए तक के मामलों की शिकायत की जा सकती है। साइबर हेल्प डेस्क को और ज्यादा मजबूत बनाया जा रहा है। प्रशिक्षित पुलिसकर्मी जांचकर्ता की मदद करेंगे। इसके लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, डीसीपी क्राइम ब्रांच अखिल पटेल ने बताया कि साइबर क्राइम आने वाले समय में पुलिस और आमजनों के लिए बहुत बड़ी चुनौती बनेगी। साइबर ठग। विभिन्न तरीकों से आमजनों को ठग रहे हैं।थानों में प्राप्त शिकायत पर तत्काल वैधानिक कार्रवाई कर पीड़ित की मदद करें। कार्यकुशलता का उपयोग करते हुए तकनीकी नॉलेज के आधार पर इनवेस्टिगेशन करें। जरूरत पड़ने पर साइबर तकनीकी टीम या साइबर फोरेंसिक लैब की मदद लें। प्रशिक्षण में एडिशनल डीसीपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने साइबर क्राइम अनुसंधान में आने वाली तकनीकी दिक्कतें, दीगर प्रदेशों से समन्वय तथा अनुसंधान के दौरान एकत्रित किए जाने वाले डिजिटल साक्ष्य, दस्तावेज इत्यादि के संबंध में सारगर्भित मार्गदर्शन दिया।

400 अधिकारी और कर्मचारी को दिया प्रशिक्षण

 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यकुशलता, तकनीकी कॉलेज बढ़ाने एवं उत्कृष्ट अनुसंधान के लिए बजारीय पुलिस मोडल के 37 वालों के निरीक्षक से आरक्षक स्तर के लगभग 400 अधिकारियों और कर्मचारियों को पूर्व में आयोजित प्रशिक्षण सत्र में एनसीसीआरपी जेएमआईएस एवं सीईआईआर पोर्टल तथा साइबर क्राइम को रोकथाम, टेक्निकल एलिसिस, पब्लिक अवेयरनेस इन्वेस्टिनेशन इत्यादि से संबंधित विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।


इस प्रकार रोके साइबर क्राइम

• अपने ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का उपयोग करें। दो- कारक प्रमाणीकरण का उपयोग करें, जो आपके अकाउंट्स की सुरक्षा को बढ़ाता है।
अपने कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइस पर वायरस स्कैनर सॉफ्टवेयर का उपयोग करें। केवल सुरक्षित वेबसाइट्स पर ही जाएं।
सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और अज्ञात लोगों से दोस्ती न करें। अपने बैंक अकाउंट्स, क्रेडिट कार्ड अकाउंट्स और अन्य ऑनलाइन अकाउंट्स की नियमित रूप से जांच करें। साइबर अपराध होने पर पुलिस या साइबर सेल को रिपोर्ट करें।

ये गलती न करें

• अज्ञात लिंक्स पर क्लिक न करें
क्योंकि वे मैलवेयर या फिशिंग हमलों का कारण बन सकते हैं। ऑनलाइन अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें, जैसे कि आपका पता, फोन नंबर या बैंक खाते का विवरण।
• अज्ञात ईमेल्स का जवाब नहीं दें।
अज्ञात सॉफ्टवेयर डाउनलोड नहीं करें। सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क्स का उपयोग न करें, क्योंकि वे असुरक्षित हो सकते हैं।


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