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Bhopal Gold Case : अब डायरी में मिले नौकरशाहों और नेताओं के नंबरों पर जाएंगी जांच एजेंसियों की घंटियां

Bhopal Gold Case : अब डायरी में मिले नौकरशाहों और नेताओं के नंबरों पर जाएंगी जांच एजेंसियों की घंटियां

भोपाल। आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की अनुपातहीन संपत्ति और इनोवा में गोल्ड और कैश के मामले में ईडी, इन्कम टैक्स, डीआरआई और लोकायुक्त यानि चार एजेसिंया जांच में जुट गई हैं। भ्रष्टाचार की काली कमाई में कितने लोगों की संलप्तिता रही इसकी परतें धीरे धीरे खुल रही हैं।  

वहीं इनोवा से मिली डायरी में जिन नौकरशाहों और नेताओं के नाम नंबर मिले हैं इसकी जांच भी शुरू कर दी गई हैं। इससे कई सफेदपोश बेनकाब होंगे। उन लोगों की सांसें भी अटकी हैं, जिन अफसरों  तक सौरभ वसूली का हिस्सा पहुंचाता था। अभी तक की हुई जांच में खुलासा हुआ है कि आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा ने परिवहन चौकियों से अर्जित करोड़ों की काली कमाई को प्रापर्टी खरीदने में तो इन्वेस्ट किया ही इसके अलावा  होटल, रेस्टारेंट और जयपुरिया स्कूल में भी जमकर निवेश किया।

यह स्कूल शरद जायसवाल के नाम से था ही, मां और पत्नी को भी पदाधिकारियों में शामिल गया गया।  आरोपी की काली कमाई की राजदार उसकी मां, पत्नी, सबसे करीबी दोस्त चेतन और शरद जायसवाल  रहे।  आरोपी इनके नाम से संपत्ति की खरीद फरोख्त करता रहा। अभी लोकायुक्त और आयकर अन्य लोगों को भी जांच के दायरे में ले सकते हैं। 

 दर्जन भर लोगों की टीम रहती थी चेक पोस्ट की वसूली में तैनात

 दरअसल, आरोपी ने करीब दर्जन भर लोगों की टीम बना रखी थी जिनको परिवहन चेक पोस्ट की वसूली का अनुभव था।  इस दौरान कई बार उसकी शिकायत भी हुई। परिवहन चेक पोस्ट के वसूली के दौरान लोगों ने कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए। उच्च स्तर पर आरोपी की शिकायतों को दबा दिया गया।  इतना ही नहीं, उसने डेढ़ साल पूर्व वीआरएस भी ले लिया, लेकिन विभाग में किसी ने आपत्ति नहीं ली। लोकायुक्त अधिकारियों का कहना है कि सौरभ के वापस लौटने के बाद पूछताछ में कुछ और अहम खुलासे हो सकते हैं। 


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