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Bhopal Bus Service : भैया...महिला सीट खाली कराओ, मैडम वो जगह भी महिलाओं के लिए ही है, वहां बैठ जाओ...

Bhopal Bus Service : भैया...महिला सीट खाली कराओ, मैडम वो जगह भी महिलाओं के लिए ही है, वहां बैठ जाओ...

भोपाल। सिटी बसों में आए दिन हो रही मारपीट और छीना झपटी की घटनाओं के बीच महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। क्योंकि उन्हें कई बार सीट नहीं मिल पाती और कंडक्टर का व्यवहार भी इस तरह का रहता है कि कुछ न बोलें तो बेहतर है। हरिभूमि ने गुरुवार को एसआर 4 रूट पर 10 किलोमीटर का लंबा सफर तय कर हकीकत जानी। इस संबंध में महिलाओं से सफर में हो रही परेशानी को लेकर पूछा, तो उनका साफ कहना था कि आप देख रहे हैं, महिलाओं की सीट पर कोई भी बैठ रहा है और कंडक्टर का यह जवाब भी आपने सुना कि पास की दूसरी सीट पर बैठ जाओ वो भी महिलाओं की है। इसके बाद क्या कहा यह सुना कि आप मुझे सिखाओगी। 

सफर चींचली बैरागढ़ से गेहूं खेड़ा, ललिता नगर, नयापुरा कॉलोनी तक बस में ज्यादा सवारी नहीं मिलीं। कंडेक्टर घनश्याम ने कहा कि इस समय 200 बसें डिपो में खड़ी हैं। कम बस चलने से सवारी आटो का उपयोग ज्यादा कर रही हैं।

सवारी कम होती गईं

बस के स्टॉपेज को लेकर कंडेक्टर से पूछा तो उसने कहा कि इतने लंबे सफर में चाय तो पिएंगे। जब उससे पूछा कि कंपनी कैमरों को चेक नहीं करती कि इतनी देर तक रुके हुए हो, यह सुनते ही वो बोला कि कंट्रोल रूम बंद है कोई चेक करने वाला नहीं है। बस इतनी है ही नहीं कि कंट्रोल रूम चले।

बस में फायर सिस्टम नीचे फर्श पर

बस में सफर करते हुए देखा तो फायर सिस्टम बस के फर्श पर नीचे रखा था। जबकि फर्स्ट एड बॉक्स और एक कैमरा टूटा हुआ था। जबकि तीन कैमरे काम कर रहे थे, लेकिन कंडेक्टर के व्यवहार पर कोई कार्रवाई बीसीएलएल की तरफ से कोई संदेश नहीं आया।

हम तो रोजाना परेशान हो रहे हैं


सिटी बस में रोजाना सफर कर रहे हैं। आए दिन जेबकटी और विवाद होता रहता है। कंडेक्टर का व्यवहार भी सही नहीं रहता है।
    राजकुमारी ठाकुर, करोंद

सिटी बस में महिलाओं की सीट पर आए दिन पुरुष बैठे रहते हैं। कंडेक्टर से कहो तो गलत जवाब मिलता है। वहीं सीट पर बैठा व्यक्ति भी अकड़ने लगता है।
लक्ष्मी सोनी, कोलार

जल्द ही व्यवस्था सुधारेंगे


सिटी बसों को लेकर व्यवस्था जल्दी ही सुधरेंगी। शासन स्तर पर भी चर्चा चल रही है। साथ आपरेटर्स से कहा गया है कि असमाजिक तत्वों की शिकायत तुरंत पुलिस में करें। डेढ़ सौ बंद बसों को भी जल्दी ही शुरू कराने का प्रयास चल रहा है।
निधि सिंह, 
सीईओ बीसीएलएल कंपनी


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