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Bharat Rang Mahotsav 2025 Bhopal : भारत भवन में 25वें भारत रंग महोत्सव के शुभारंभ पर आए मणिपुर के कलाकारों ने बताए वहां के हालात

Bharat Rang Mahotsav 2025 Bhopal : भारत भवन में 25वें भारत रंग महोत्सव के शुभारंभ पर आए मणिपुर के कलाकारों ने बताए वहां के हालात

भोपाल। बीते दो साल में जो कुछ मणिपुर में हुआ वो इससे पहले कभी नहीं हुआ था, उसके कारण मणिपुर 20 साल पीछे चला गया है। वहां न तो बच्चे स्कूल जा रहे, न ही वहां पर मार्केट खुलते, न ही पर्यटक यहां आते। वहां कब किसके साथ हादसा हो जाएगा किसी को नहीं पता। वहां शांति की मांग हर घर कर रहा है। 

यह कहना है मणिपुर के वरिष्ठ थिएटर आर्टिस्ट जॉय माईस्नाम का। वे बुधवार को भोपाल के भारत भवन में पांच दिवसीय 25वें भारत रंग महोत्सव के शुभारंभ पर नाटक अग्निसुता द्रौपदी को डायरेक्ट कर रहे थे। मोहन जोशी द्वारा लिखित और निर्देशक जॉय माईस्नाम द्वारा निर्देशित नाटक की प्रस्तुति ताम इंफाल मणिपुर के कलाकारों ने दी।

यदि हंसती नहीं द्रौपदी, तो क्या युद्ध नहीं होता...

नाटक में द्रौपदी के दृष्टिकोण से जीवंत हुई महाभारत के युद्ध से पहले और उसके दौरान की घटनाओं को दिखाया गया। जिसमें क्या महाभारत होने का कारण द्रौपदी थी? अगर द्रौपदी नहीं होती तो क्या युद्ध की स्थिति नहीं बनती? अगर द्रौपदी हंसती नहीं तो क्या महाभारत नहीं होती। अगर द्रौपदी के हंसने के कारण महाभारत हुई है तो भाभी और देवर का हंसना कितना सही है? कुछ इस तरह के सवालों से भारत भवन का अंतरंग सभागार गूंज उठा ।

इनकी रही उपस्थिति

इस अवसर पर संस्कृति राज्य मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला और महोत्सव के समन्वयक रामजी बाली मुख्य रूप से उपस्थित हुए।

 आगे बढ़ने से ज्यादा, जीवन बचाना ज्यादा जरूरी 

जॉय बताते हैं कि मेरे पिता भी एक आर्टिस्ट रहे हैं। मुझे उन्होंने ने ही आर्टिस्ट बनाया है। मणिपुर का हाल बहुत बुरा है, जिसकी हकीकत को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है।  इसलिए वहां पर कुछ बोलना भी ठीक नहीं। वहां लोगों को इस वक्त आगे बढ़ने से ज्यादा अपना जीवन बचाना जरूरी हो गया है। रोजगार और विकास तो बहुत दूर की बात है।
 


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