रायपुर। छत्तीसगढ़ के B.ED डिग्रीधारी शिक्षक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच सीएम विष्णुदेव साय ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, सीएस की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। कमेटी की जो सिफारिश आएगी उस पर विचार करेंगे। हम लोग भी नहीं चाहते की नौकरी से अलग हो।
पिछले एक महीने से कर रहे हैं प्रदर्शन :
B.Ed सहायक शिक्षक पिछले एक महीने से रायपुर के धरना स्थल पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने शासन और प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए कई शांतिपूर्ण प्रयास किए हैं, लेकिन अब तक किसी सरकारी प्रतिनिधि ने उनसे मुलाकात नहीं की। इस उपेक्षा से शिक्षक और उनके परिवारजन गहरे आहत हैं। अभिभावकों का कहना है कि वे अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। सहायक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और समायोजन की कमी से न केवल उनके भविष्य पर संकट आ खड़ा हुआ है, बल्कि इससे उनके बच्चों और पूरे परिवार की स्थिति भी प्रभावित हो रही है।
डीएलएड अभ्यर्थियों ने खटखटाया था हाईकोर्ट का दरवाजा :
डीएलएड डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उनकी नियुक्ति तय मापदंडों के खिलाफ की गई है, और उनकी जगह मेरिट के आधार पर डीएलएड डिप्लोमाधारी उम्मीदवारों को नियुक्त किया जाना चाहिए। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अभ्यर्थियों की आपत्ति को सही मानते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह प्राइमरी स्कूलों में बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को बाहर करके, डीएलएड डिप्लोमाधारी अभ्यर्थियों की मेरिट के आधार पर सूची तैयार करे और नियुक्ति आदेश जारी करे।
डिप्लोमाधारकों की चयन सूची जारी करने का दिया निर्देश :
प्राइमरी स्कूलों में डीएलएड डिप्लोमाधारकों को शिक्षक के पद पर नियुक्ति देने के लिए हाई कोर्ट के जस्टिस अरविंद वर्मा ने राज्य सरकार को सात दिनों के भीतर डिप्लोमाधारकों की चयन सूची जारी करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारियों ने बताया कि डीएलएड डिप्लोमाधारकों की मेरिट के आधार पर सूची बनाने और उसे जारी करने की जिम्मेदारी व्यापमं को सौंपी गई है, लेकिन व्यापमं इस संबंध में विलंब कर रहा है।