Pariksha Pe Charcha 7th Episode: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनिशिएटिव ''परीक्षा पे चर्चा'' का सोमवार को 7वां एपिसोड प्रसारित हुआ। एपिसोड में छह टाइम वर्ल्ड चैम्पियन रहीं मैरीकॉम, अवनी लेखरा और सुहास एल. यतिराज ने बच्चों को कई टिप्स दिए। खेल जगत से जुडे़ तीनों चैम्पियन्स ने परीक्षा के तनाव और जीवन की कहानी से जुड़े किस्से साझा किए। चैम्पियन्स ने कहा कि कामयाबी का कोई शॉर्टकट नहीं होता। फेल्योर सक्सेस का सबसे बड़ा पार्ट है। हमेशा खुश रहें, पर संतुष्ट कभी न हों। मुकाबला हमेशा खुद से करें और अपना बेस्ट दें।
चुनौतियों से खुद को करें साबित - मैरी कॉम
मैरी कॉम ने कहा कि शुरू में खेलना बहुत मुश्किल था, क्योंकि बॉक्सिंग लड़कियों का खेल नहीं है। ये मेरे लिए चुनौतिपूर्ण रहा। मैरी कॉम ने कहा कि मैं बस देश की सभी लड़कियों और महिलाओं के सामने खुद को साबित करना चाहती हूं और इस तरह मैंने कई बार वर्ल्ड चैम्पियन बनकर देश का नाम रौशन किया। मैरी कॉम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किताब से कोट का जिक्र करते हुए कहा कि बुक में लिखा है, अपना स्वयं का सहारा बनें।
हार का डर बाहर छोड़ दो - सुहास
सुहास लालिनाकेरे यथिराज ने कहा कि आपका मन आपका सबसे बड़ा मित्र और आपका सबसे बड़ा शत्रु है। सुहास ने आगे कहा कि परीक्षा जीवन की हो, स्पोर्ट्स की हो या बोर्ड एग्जाम की। नर्वस नहीं होना है। हार का डर आप बाहर छोड़ दो क्योंकि आप अगर डर छोड़ोगे तो आप अपनी नेचुरल गेम खेल पाएंगे।
जर्नी चलती रहनी चाहिए
आप ये मत सोचो की सामने कौन है। उससे आपको कुछ नहीं मिलेगा। आप अपना बेस्ट दो। सुहास ने कहा कि अगर अच्छी चीज पानी हो तो वो आसानी से नहीं मिलेगी। जर्नी चलती रहनी चाहिए, इसमें पैशन और फोकस रहना होगा। आपको सूरज की तरह चमकने के लिए सूरज की तरह जलना होगा।
डिस्ट्रैक्शन से जितना हो सके दूर रहें
अवनी लेखरा ने कहा कि कई बार मुझे ऐसा लगा कि शूटिंग छोड़ देनी चाहिए। मुझसे नहीं हो पाएगा। अवनी ने कहा कि हम डरते उन चीजों से हैं जिनके बारें में हमें नॉलेज नहीं होती। इसके बाद मैंने नॉलेज हासिल करना शुरू किया और खुद को इम्प्रुव किया और इस तरह से मेरा डर धीरे धीरे कम होता गया। डिस्ट्रैक्शन से जितना हो सके दूर रहें। ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। यह शांत रहने में मदद करेगा।