होम
देश
दुनिया
राज्य
खेल
बिजनेस
मनोरंजन
सेहत
जरा हटके
जॉब अलर्ट
अध्यात्म

 

सीएम के गृहक्षेत्र में बही विकास की गंगा, मधेसर महादेव के सौंदर्यीकरण और विकास के लिए 40 करोड़ की दी स्वीकृति

सीएम के गृहक्षेत्र में बही विकास की गंगा, मधेसर महादेव के सौंदर्यीकरण और विकास के लिए 40 करोड़ की दी स्वीकृति

रिपोर्टर- जितेन्द्र सोनी 
जशपुर।
जशपुर जिला प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है और जशपुर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यूं तो जशपुर जिले में दो दर्जन से अधिक पर्यटन स्थल हैं इन सबमे सबसे महत्वपूर्ण जशपुर का मधेसर महादेव पहाड़ है जिसे विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग मानकर कई दशकों से इस पर्वत की पूजा पाठ होती है। कुनकुरी विकासखण्ड के मयाली गांव में स्थित मधेसर महादेव के दर्शन कई किलोमीटर दूर से किये जा सकते हैं। अब मधेसर महादेव को पर्यटन के मानचित्र में लाने कुनकुरी से विधायक और सूबे के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पहल शुरू कर दी है। मधेसर महादेव को स्वदेश दर्शन योजना में शामिल कर इसके सौंदर्यीकरण और विकास के लिए 40 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वीकृत किये हैं।

राज्य सरकार ने 10 करोड़ किये जारी 
कुनकुरी विकासखण्ड मुख्यालय के मयाली गांव में स्थित मधेसर महादेव कटनी-गुमला नेशनल हाईवे से 5 किलोमीटर दूर और बतौली-चरईडाँड़ स्टेट हाइवे के किनारे स्थित है। इस विशालकाय पर्वत की आकृति शिवलिंग के आकार की है। इस स्थल को सालों से यहां के आदिवासी और अन्य समाज के लोग महादेव मानकर पूजते आये हैं। इस पर्वत के नीचे एक विशालकाय गुफा भी है जहां आज तक कोई भी गुफा के आखिरी छोर तक नहीं पहुंच पाया और माना जाता है की यहां महादेव विराजते हैं। इस शिवलिंग के ठीक सामने एक जलाशय भी है। विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के आसपास सौंदर्यीकरण की मांग कई सालों से हो रही थी जो अब सूबे के सीएम ने पूरी की है। मुख्यमंत्री ने स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करते हुए इस स्थल के लिए 40 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है जिसमे प्रथम किश्त के रूप में राज्य सरकार ने 10 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं।

पर्यटन उद्योग को मिलेगा बढ़ावा 
स्थानीय लोगों की माने तो मधेसर महादेव को विकसित किये जाने के बाद जशपुर जिले में पर्यटन को उद्योग के रूप में आगे बढ़ाया जा सकता है। एक दर्जन से अधिक जलप्रपातों समेत 40 से अधिक पर्यटन स्थल हैं। प्रदेश का सबसे ऊंचा जलप्रपात मकरभंजा जलप्रपात जशपुर में हैं। इसके अलावा यहां राजपुरी, रानीदाह, बेने, गुल्लू, कोतेबिरा, कैलाश गुफा, दरावघाघ समेत एक दर्जन से अधिक जलप्रपात हैं। ठंड के मौसम में जशपुर में पारा न्यूनतम 1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है और कई जगहों पर बर्फ की चादर बिछ जाती है। राम वन गमन के कई प्रमाण आज भी यहाँ मौजूद हैं।

इन पर्यटन स्थलों में सिर्फ जिले भर के लोग आते हैं लेकिन मधेसर महादेव को विकसित किये जाने के बाद देश विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक जशपुर पहुंचेंगे जो मधेसर महादेव के दर्शन के बाद जिले अन्य पर्यटन स्थलों पर जाएंगे जिससे जिले में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

कलेक्टर रोहित व्यास ने क्या कहा 
जशपुर कलेक्टर रोहित व्यास ने बताया कि मधेसर महादेव और मयाली के विकास के लिए फंड की स्वीकृति मिल चुकी है और इसे भव्य पर्यटन स्थल बनाने की योजना शुरू हो चुकी है और जल्द ही इसका काम शुरू कर दिया जाएगा। जशपुर कलेक्टर रोहित व्यास का मानना है की जल्द ही मधेसर महादेव के दर्शन के लिये जशपुर जिले के आसपास के जिलों से तो पर्यटक आने शुरू होंगे ही देश विदेश से भी पर्यटक जल्द ही जशपुर पहुंचेंगे।

रोहित व्यास, कलेक्टर जशपुर

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस तरीके से जशपुर में पर्यटन के क्षेत्र में काम हो रहे हैं निश्चित ही आने वाले दिनों में जल्द ही जशपुर देश के पर्यटन के मानचित्र पर एक विशेष स्थान लेगा और जल्द ही देश विदेश से भारी संख्या में पर्यटक जशपुर की तरफ खींचे चले आएंगे।


संबंधित समाचार