भोपाल। पंडित प्रदीप मिश्रा से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। साधू-संतों द्वारा किए गए विरोध के बाद आज प्रदीप मिश्रा ने बरसाना पहुंच कर मंदिर में नाक रगड़ी और माफ़ी मांगी ली है। राधा रानी के चरणों में दंडवत प्रणाम करने के बाद उन्होंने कहा मैं राधा-रानी के दर्शन करने के लिए यहां पधारा हूं। कुछ दिन पहले राधारानी पर किए गए टिप्पड़ी को लेकर मथुरा में महापंचायत के बीच उज्जैन स्थित महर्षि सांदीपनि के वंशज पंडित रूपम व्यास ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि पंडित प्रदीप मिश्रा मथुरा जाकर प्रेमानंदजी महाराज से नाक रगड़कर माफी नहीं मांगी तो बात कोर्ट तक जाएगी।
आपको बता दें कि बीते कई दिनों से देश के कई हिस्सों में पंडित प्रदीप मिश्रा का जमकर विरोध किया जा रहा था। राधारानी को लेकर की गई टिप्पड़ी से संतों का गुस्सा सातवे आसमान पर पहुंच गया था। विवादित बयान को लेकर मथुरा के संतों ने महापंचायत बुलाई थी। महापंचायत में प्रदीप मिश्रा को अल्टीमेटम दिया गया था। जिसमे ये कहा गया था कि अगर वह बरसाने जाकर माफी नहीं मांगते हैं तो ब्रज में संत उन्हें घुसने नहीं देंगे।
पंड़ित प्रदीप मिश्रा की टिप्पणी
दरअसल, पंड़ित प्रदीप मिश्रा ने अपनी कथा के दौरान भक्तो से पूछा था की राधारानी कहा की है तो लोगों का जबाव आया की राधारानी बरसाना की है। इस पर पंड़ित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि राधारानी बरसाना की नहीं है। इतना ही नही उन्होंने यह भी कहा की कृष्ण भगवान की पत्नियों में राधा का नाम नहीं है। राधारानी के पति का नाम अनय घोष है। राधारानी की सास का नाम जटिला था और उनकी ननद का नाम कुटिला था। राधारानी का विवाह छात्रा गांव में हुआ था। राधा जी रावल गांव की रहने वाली थी। उनके पिता की कचहरी थी, जिसमें राधा जी साल में एक बार जाती थी, बरस में एक बार आना इसलिए उसका नाम बरसाना पड़ा था।
हालांकि इन सभी विवादों के बीच आज प्रदीप मिश्रा ने बरसाना पहुंच कर मंदिर में नाक रगड़कर माफ़ी मांगी ली है। राधा रानी के चरणों में दंडवत प्रणाम करने के बाद उन्होंने कहा मैं राधा-रानी के दर्शन करने के लिए यहां पधारा हूं।