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MP NEWS: बड़ी खबर ! नर्सिंग कॉलेजों में 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स के एडमिशन रद्द, इस वजह से लिया गया फैसला, दिग्विजय ने कसा तंज

MP NEWS: बड़ी खबर ! नर्सिंग कॉलेजों में 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स के एडमिशन रद्द, इस वजह से लिया गया फैसला, दिग्विजय ने कसा तंज

भोपाल : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां सरकारी नर्सिंग कॉलेजों से एक दो नहीं बल्कि 100 से ज्यादा स्टूडेंट्स के एडमिशन को रद्द कर दिया गया है। इन छात्रों के एडमिशन महज इसलिए रद्द किये गए क्योकि उन्होंने 12वीं कक्षा में हिंदी विषय नहीं लिया। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा उठाए गए इस कदम से छात्र-छात्राओं में हड़कप मच गया है। इधर, मामला उजागर होने के बाद पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने शिक्षा व्यवस्था विभाग को आड़े हाथों लेते हुए सरकार पर निशना साधा है। दिग्विजय ने कहा कि इन बच्चों के भविष्य को आप क्यों बिगाड़ रहे हैं?  सिर्फ इसलिए क्योंकि कुछ परभावशाली लोगों के बच्चों का चयन नहीं हुआ?

चिकित्सा शिक्षा विभाग का अजीब निर्णय

इस पूरे मामले को लेकर दिग्विजय सिंह ने अपने एक्स में लिखा कि मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग का अजीब निर्णय है। चयनित छात्रों के रजिस्ट्रेशन निरस्त इसलिए किए जा रहे हैं क्योंकि, उन्होंने अंग्रेजी मीडियम से शिक्षा ली है। जबकि केंद्रीय नर्सिंग काउंसिल के नियमों में अंग्रेजी मीडियम की बाध्यता है।इसके साथ ही उन्होंने  मुख्यमंत्री और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष को टैग करते हुए लिखा कि ‘यह आपको बदनाम करने का क्या षड्यंत्र है? आपके गुरु जेपी नड्डा जी केंद्रीय मंत्री कहते हैं अंग्रेज़ी मीडियम से पढ़ो आप कहते हैं हिंदी मीडियम से पढ़ो। इन बच्चों के भविष्य को आप क्यों बिगाड़ रहे हैं?’ उन्होंने आगे कहा कि ‘आपकी सरकार ने जो नियम बनाए हैं वे भी आप 24/12/2024 को प्रकाशित कर रहे हैं जबकि नतीजे उसके पहले आ गए। क्या यह केवल इसलिए किया जा रहा है क्योंकि, कुछ प्रभावशाली लोगों के बच्चों का चयन नहीं हुआ? क्या यह सही है? जय सिया राम।’

ये है पूरा मामला

दरअसल, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नर्सिंग काउंसिल 2024 के तहत करीब 100 से ज्यादा एडमिशन निरस्त कर दिए हैं। यह निरस्तीकरण सिर्फ सरकारी नर्सिंग कॉलेज में किए गए हैं। ऐसे छात्र-छात्राओं के प्रवेश निरस्त किए गए हैं, जिन्होंने कक्षा 12वीं में हिंदी विषय लेकर पढ़ाई नहीं की है। इस नियम का सबसे बड़ा असर उन अभ्यर्थियों पर हुआ, जिन्होंने सीबीएसई (CBSE), आईसीएसई(ICSE) और संस्कृत बोर्ड से 12वीं कक्षा पास की है। इससे प्रभावित छात्र अब हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है।


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