आदिशक्ति स्तुति गरबा महोत्सव: चैत्र नवरात्रि पर पहली बार मचेगी गरबा की धूम, रायपुरियंस के साथ अदा शर्मा खेलेंगी डांडिया... 

आदिशक्ति स्तुति गरबा महोत्सव: चैत्र नवरात्रि पर पहली बार मचेगी गरबा की धूम, रायपुरियंस के साथ अदा शर्मा खेलेंगी डांडिया... 

रायपुर। चैत्र नवरात्रि के अवसर पर राजधानी रायपुर में पहली बार राजधानीवासियों को गरबा खेलने का सुनहरा मौका मिलने जा रहा है। दरअसल  हरिभूमि और आईएनएच न्यूज के साथ मिलकर वेदिका फाउंडेशन द्वारा आदिशक्ति स्तुति धार्मिक आयोजन किया जा रहा है, जिसमें दिव्य गरबा महोत्सव आयोजित है। इस महोत्सव में शारदीय नवरात्रि के तर्ज पर भक्तिमय वातावरण में गरबा नृत्य किया जाएगा। 

यहां होगा कार्यक्रम :

आमतौर पर गरबा प्रेमियों को डांडिया खेलने के लिए सालभर इंतजार करना पड़ता है, लेकिन इस बार चैत्र नवरात्रि में भक्तजन माता की आराधना करते हुए पारंपरिक गीतों के साथ गरबा नृत्य का आनंद ले सकेंगे। यह आयोजन 5 अप्रैल को बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में होगा। यह ऐतिहासिक पहल वेदिका फाउंडेशन द्वारा की जा रही है, जो महिला सशक्तिकरण, वंचित बालिकाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत है।  

 अदा शर्मा खेलेंगी गरबा: 

इस कार्यक्रम में बतौर विशेष अतिथि छत्तीसगढ़ की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म बस्तर द नक्सल स्टोरी फेम बॉलीवुड अभिनेत्री अदा शर्मा शामिल होंगी। इस दौरान अदा भी लोगों के साथ गरबा करती हुई नजर आएंगी। बतादें कि इस कार्यक्रम में प्रवेश सिर्फ पास के माध्यम से ही होगा। निशुल्क पास सिटी कोतवाली चौक, एटी ज्वेलर्स, श्याम प्लाजा, और रायजा ग्रुप, पंडरी व हरिभूमि मुख्य कार्यालय पचपेड़ी नाका से प्राप्त किए जा सकते हैं।ये कार्यक्रम 5 अप्रैल को संध्या 7 बजे से बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में शुरू होगा।

ये रहेगा आकर्षण का मुख्य केंद्र :   

आदिशक्ति स्तुति कार्यक्रम में माता की आराधना के साथ गरबा का आयोजन होगा। इस दौरान नवरात्रि के शुभ अवसर पर अष्टमी महाआरती होगी। भक्तिमय वातावरण में गरबा का आयोजन, जो छत्तीसगढ़ में पहली बार इतने बड़े स्तर पर किया जा रहा है।चैत्र नवरात्रि के अवसर पर गरबा महोत्सव के जरिए युवाओं को भक्ति से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य आधुनिक पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और धार्मिक मूल्यों से परिचित कराना है। भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार व धार्मिक आयोजनों के माध्यम से सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ाना है।
 
 


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