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CA की पढ़ाई छोड़ 23 साल का युवा बन गया सन्यासी, अरिहंत पारख इस दिन लेंगे दीक्षा 

CA की पढ़ाई छोड़ 23 साल का युवा बन गया सन्यासी, अरिहंत पारख इस दिन लेंगे दीक्षा 

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के एक युवा अरिहंत पारख ने सीए की पढ़ाई के दौरान संन्यास चुनकर पूरे शहर को चकित कर दिया है। 23 साल की उम्र दोस्तों के साथ मौज-मस्ती, मनोरंजन, घूमने -फिरने, सिनेमा देखने, रेस्टोरेंट में पार्टी करने की होती है लेकिन अरिहंत ने सांसारिक मोहमाया त्याग कर वैराग्य धारण करते हुए  संन्यासी बनने का फैसला लिया है। कमलेश पारख के बेटे अरिहंत पारख 5 साल पहले से ही इस तैयारी में लगे हुए थे। पारख परिवार में सबसे बड़े अपने दादा के बाद परिवार के सबसे छोटे पोते अरिहंत ने भी अपने दादा के मार्ग को अपनाया।

26 जनवरी को लेंगे दीक्षा 

गुरूवार को श्री ओसवाल भवन में आयोजित पत्रवार्ता में चर्चा करते हुए अरिहंत ने कहा कि, वे बचपन से ही साधु-संत के करीब रहे हैं। पिछले पांच साल से वह इस दिशा में आगे बढ़ रहे थे। उन्होंने कहा कि, जब शक्ति का ज्ञान हुआ तभी वैराग्य की दिशा में आगे बढ़ने का फैसला लिया। वे 26 जनवरी को कैवल्यधाम में दीक्षा लेंगे। उन्होंने कहा कि, वैराग्य जीवन के बिना मोक्ष पाना असंभव है।

इन पांच महाव्रतों का पालन आवश्यक 

श्री ओसवाल जैन श्वेताम्बर समाज के अध्यक्ष भंवर बोथरा ने बताया कि, पारख परिवार से अरिहंत ने वैराग्य का रास्ता अपनाया है, जो कि खुशी की बात है। इसके पहले अरिहंत के दादा ने भी वैराग्य जीवन अपनाया था। आज वे मुनि प्रशांत सागर के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने बताया कि, वैराग्य जीवन अपनाने के बाद पांच महाव्रत का पालन करना होता है, जिसमें अहिंसा, अचोर्य, सत्य, ब्रह्मचर्य और अपरिगृह शामिल है। उन्होंने कहा कि अरिहंत का अभिनंदन करने समाज द्वारा 15 से 20 जनवरी तक अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। 

संयम यात्रा के पूर्व होगा अभिनंदन कार्यक्रम

अरिहंत की संयम यात्रा शुरू करने के पहले जगदलपुर में अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया है। 17 जनवरी को पारख बाड़ा में दीक्षार्थी अरिहंत का अभिनंदन समारोह शाम 7.30 बजे से आयोजित होगा। इसके बाद 18 जनवरी को श्री धर्मनाथ जिनालय से सुबह 9:36 बजे से भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। दोपहर 12: 36 बजे से स्वामीवात्सल्य प्रीतिभोज का आयोजन पारख बाड़ा में किया गया है। रात्रि साढ़े 7 बजे संयम संवेदना, दीक्षार्थी अरिहंत का उद्बोधन होगा।

दादा ने 10 साल पहले ली थी दीक्षा 

अरिहंत के बड़े पापा किशोर पारख ने बताया कि अरिहंत बचपन से ही धार्मिक प्रवृत्ति का रहा है। परिवार भी संतो के साथ जुड़ा हुआ है। अरिहंत के दादा भी 10 साल पहले दीक्षा लिए थे और उनके गुरू ही अरिहंत को भी दीक्षा दिलाएंगे। इस दौरान अनिल कागोत, देवी चोपड़ा, प्रकाश बाफना, नीरज बाफना, भोमराज बुरड़, संदीप पारेख, अशोक पारेख, दलीचंद तांतेड़ आदि मौजूद रहे। 


 
 


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