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UP के इस चिड़ियाघर में बंद हैं 12 खूंखार तेंदुए, 6 आदमखोर तेंदुओं में एक ने ली है तीन लोगों की जान

UP के इस चिड़ियाघर में बंद हैं 12 खूंखार तेंदुए, 6 आदमखोर तेंदुओं में एक ने ली है तीन लोगों की जान

गोरखपुर : Man-eating leopard : यूपी के में गोरखपुर में शहीद अश्फाक उल्ला खां प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) है। इस चिड़ियाघर में तरह तरह के जीव जंतु हैं। इसी चिड़ियाघर में 12 तेन्दुए भी रहते हैं।  इन तेंदुओं में से 6 को आदमखोर तेंदुआ घोषित कर दिया गया है जिनके लिए अब जंगल की आजादी वाली जिंदगी अतीत बनकर रह गई है। इन 6 आदमखोर तेंदुओं को अब बाड़े में ही रहना पड़ेगा क्योंकि एक बार इंसानों पर हमला करने वाले तेंदुए को फिर से जंगल में छोड़ना जोखिम भरा हो सकता है। इनकी आक्रामक प्रवृत्ति को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि इन्हें जंगल में छोड़ने पर ये फिर से मानव जीवन के लिए खतरा बन सकते हैं। 

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आदमखोर कभी भी करते हैं हमला 


Man-eating leopard : चिड़ियाघर के मुख्य वन्यजीव चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह बताते हैं कि तेंदुए आमतौर पर भोजन की कमी या किसी अनहोनी के चलते आदमखोर बन जाते हैं। एक बार आदमखोर हो जाने के बाद इनकी इंसानों से दूरी और डर खत्म हो जाती है, जिससे वे कभी भी हमला कर सकते हैं। हालांकि अब इन्हें चिड़ियाघर में सुरक्षित तरीके से रखा जा रहा है. ऐसे में इन्हें फिर से जंगल में नहीं छोड़ा जा सकता है। 

बिजनौर और बलरामपुर से रेस्क्यू


Man-eating leopard : चिड़ियाघर में इन दिनों 12 तेंदुए हैं, जिनमें से 3 को पर्यटकों के लिए खुले बाड़े में रखा गया है लेकिन 6 तेंदुए जो आदमखोर बन चुके है उन्हें बिजनौर और बलरामपुर से रेस्क्यू करके लाया गया था। इनमे से एक तेंदुआ जिसने हाल ही में बिजनौर में तीन लोगों की जान ली थी। वह अब धीरे-धीरे शांत हो रहा है, लेकिन उसके नीचे के दांत शायद हमले के दौरान टूट चुके हैं। 

तेंदुओं के लिए तालाब और क्रॉल

Man-eating leopard : रेस्क्यू सेंटर में आदमखोर तेंदुओं को उनकी प्रकृति के अनुरूप माहौल देने की कोशिश की जा रही है। इनके लिए तालाब और क्रॉल की व्यवस्थ की गई है जिससे ये जंगल जैसा अनुभव कर सकेंगे।  दिन में 4 से 5 किग्रा मीट दिया जाता है ताकि भोजन पर्याप्त मात्रा में मिले और स्वस्थ रहें।  

सुरक्षित माहौल में नई जिंदगी


Man-eating leopard : उचित देखभाल के कारण तेंदुए अब धीरे धीरे शांत हो रहे हैं और चिड़ियाघर के माहौल में ढलने की कोशिश भी कर रहे हैं। इस तरह ये तेंदुए अब एक सुरक्षित माहौल में नई जिंदगी जी रहे हैं जहां उनकी देखभाल के साथ-साथ उनकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। 


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