मोनिका दुबे// रायपुर: यूजीसी के नए ड्राफ्ट में कुलपति अर्थात VC की भर्ती नियम में भी बदलाव किया गया है, नए नियम के मुताबिक अब कुलपति के पद पर नियुक्ति के लिए किसी उम्मीदवार को 10 वर्ष का शैक्षिणिक अनुभव होना जरूरी नहीं होगा। विश्वविद्यालय सहित देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर जैसे पदों पर भर्ती से जुड़े नियमों में भी बदलाव किए है...देखिए क्या कहता है नया नियम किन लोगों को मिलेगा इससे फायदा..इस रिपोर्ट में...
10 साल का शिक्षक अनुभव अनिवार्य नहीं:
कुलपति के लिए अब 10 साल का शिक्षक अनुभव अनिवार्य नहीं होगा... इसे लचीला बनाते हुए इसके लिए अब शिक्षण कार्य के साथ शोध क्षेत्र एक संस्थान उद्योग व लोक प्रशासक आदि क्षेत्रों में भी 10 साल का अनुभव रखने वाले लोग इसके पात्र होंगे जिसे लेकर आचार्य रमेन्द्रनाथ मिश्र ने चिंता जाहिर की है उन्होने कहा है कि बिना अनुभव के पद उचित नही.
कुलपति को एक संस्थान में अधिकतम दो कार्यकाल मिलेगा:
फिलहाल यूजीसी ने इस बदलाव से जुड़ा मसौदा जारी कर विश्वविद्यालय और देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों से राय मांगी है आयोग ने इसके साथी कुलपति के चयन से जुड़ी सर्च कमेटी में बदलाव की भी सिफारिश की है. यूजीसी के प्रतिनिधि अब अनिवार्य रूप से शामिल होंगे. कुलपति को एक संस्थान में अधिकतम दो कार्यकाल ही मिलेगा जो 5 साल का होगा हालांकि इस पद पर उन्हें 70 साल की उम्र तक की तैनाती दी जाएगी इस दौरान जो पहले समाप्त हो जाता है वह माना जाएगा यूजीसी ने मसौदे में प्रस्ताव किया है यदि नए नियमों के तहत किसी भी संस्थान में कुलपति की नौकरी नहीं की जाती है तो उसे शून्य घोषित माना जाएगा.