रिपोर्टर - सूरज सिन्हा
बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में पिछले 113 दिनों से ग्रामीणों का जमकर आंदोलन चल रहा है। ग्रामीण सड़क की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं जिसमें महिला पुरुष से लेकर युवक युवती भी शामिल हैं। दरअसल जिले के पथर्रा गाँव में एथेनॉल प्लांट का संचालन किया जा रहा है। आसपास के कई गांवों के ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि एथेनॉल प्लांट की वजह से फसलों को नुकसान हो रहा है। केमिकलयुक्त पानी से इंसानों के साथ साथ पशुओं को भी कई प्रकार की बीमारियां हो रही है। लोगों को स्वास संबंधी शिकायत हो रही है इसलिए ग्रामीणों ने प्लांट को बंद करने के लिए पिछले तीन माह से अधिक समय से आंदोलनरत हैं।
फैक्ट्री के GM का रोका रास्ता
आज प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान फैक्ट्री के GM का ग्रामीणों ने रास्ता रोक लिया। इसकी सूचना के बाद जिले के आला अधिकारी भी आनन् फानन में मौके पर पहुंचे और उग्र हो रहे आंदोलनकारियों को समझाइश दी गई लेकिन समझाइश के बाद भी बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष प्रदर्शन करते रहे साथ ही साथ एथेनॉल प्लांट बंद करने की मांग करने लगे। प्रदर्शन को लेकर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी।
12 प्रदर्शनकारियों को किया गिरफ्तार
महिलाएं सड़क पर कार के सामने बैठे रहीं और घंटों रोड को जाम कर दिया गया जिससे आवागमन भी प्रभावित हो गया था। मामले को तूल पकड़ता देख अपर कलेक्टर सहित तहसीलदार बेमेतरा, ASP ज्योति सिंह , SDOP मनोज तिर्की द्वारा आंदोलनरत लोंगो से आंदोलन स्थगित करने की अपील की गई लेकिन ग्रामीण डटे रहे। लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ते देख मजूबरन पुलिस द्वारा कुछ सख्ती दिखाते हुए लोगों पर कार्रवाई भी की गई।
पुलिस के आला अधिकारी भी प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन आंदोलन बंद नहीं किया गया जिसके बाद आंदोलन की अगवानी करने वाले 12 लोंगो को पुलिस गिरफ्तार कर अस्थायी जेल ले गई।