भोपाल : गर्मी आते ही देशभर की जनता पानी की समस्या से जूझने लगी है। ऐसा ही कुछ हाल मध्य प्रदेश की जनता का भी है। जहां पानी की किल्लत के चलते लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। तो वही पानी की कमी को देखते हुए ग्रामीण गांव छोड़कर दूसरे गांव जाने के लिए मजबूर हो गए। जिसको देखते हुए कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नल जल योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार द्वारा करोड़ों रूपए खर्च करने के बाद भी प्रदेश की जनता बूंद-बूंद को तरस रही है! नल जल योजना सिर्फ कागज़ों में चालू और ज़मीन पर फेल है।
गांवों में जल संकट ने लिया विकराल रूप
उमंग सिंघार ने आगे कहा कि मप्र के गांवों में जल संकट ने विकराल रूप ले लिया है। गोहद-मेहगांव क्षेत्र के 75 गांव नल-जल योजना के बावजूद आज भी पीने के पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। महिलाएं, बच्चे कई किलोमीटर दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं। कई गांवों में खारा पानी ही एकमात्र विकल्प बचा है। हालात इतने बदतर हैं कि लोगों को गांव छोड़ने की नौबत आ गई है। सरकारी रिकॉर्ड में योजनाएं चालू दिख रही हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है।
जनता को साफ पानी कब मिलेगा
सिंघार ने कहा कि पीएचई विभाग की लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते करोड़ों की योजनाएं धूल चाट रही हैं। ये केवल जल संकट नहीं, ये सरकार की नाकामी और भ्रष्टाचार की गवाही है। अब सवाल यह है कि –सरकार बताए, नल जल योजना का पैसा कहाँ गया? जनता को उसका हक़ – साफ पानी – कब मिलेगा?