MP Assembly Session : मध्यप्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दौरान उस समय सदन के सदस्य दंग रह गए जब सत्ता पक्ष के ही दो विधायक आपस में भिड़ गए। मामला उज्जैन सिंहस्थ महाकुभ को लेकर था। हैरानी की बात तो यह है कि दोनों विधायक उस क्षेत्र से हैं जहां से सीएम मोहन यादव खुद विधायक है। सीएम मोहन उज्जैन के दक्षिण सीट से विधायक हैं।
दरसअल, उज्जैन में साल 2028 में होने वाले सिंहस्थ को लेकर तैयारियां जोरो पर है। सिंहस्थ को लेकर जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। जमीन भू अधिग्रहण के मुद्दे पर विधानसभा में उज्जैन के दो भाजपा विधायक आपस में भिड़ गए।
आलोट विधायक ने साधा निशाना
उज्जैन जिले की आलोट सीट से भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय ने जमीन के स्थायी अधिक्रण पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं सीएम मोहन यादव का धन्यवाद करता हूं। उन्होंने 2 हजार करोड़ रूपए उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के लिए रखे है, लेकिन उज्जैन का किसान परेशान और डरा हुआ है। क्योंकि पहले किसानों की जमीन सिंहस्थ के नाम पर 3 से 6 महीने के लिए अधिग्रहण की जाती थी, लेकिन अब उन्हें स्थायी अधिग्रहण का नोटिस दिया गया है।
भू माफियाओं का षडयंत्र
विधायक चिंतामणि मालवीय ने कहा है कि उज्जैन के किसानों को चिंता है कि यह भू माफियाओं का षड़यंत्र है। मालवीय ने आगे कहा कि कहीं ऐसा न हो की सिंहस्थ की जमीन को हम हमेशा के लिए खो देंगे।
भाजपा विधायक ने जताई आपत्ति
भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय की बात पर उज्जैन उत्तर से भाजपा विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। विधायक जैन ने सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि सिंहस्थ मेला क्षेत्र मेरी विधानसभा में आता है। हम किसानों के हित में ही काम कर रहे है। सरकार उज्जैन ही नहीं बल्कि अन्य धार्मिक स्थलों को भी विकसित करने जा रही है। विधायक जैन ने विधायक मालवीय के बयान को फालतू की चिंता करना बताया।