Mauni Amavasya 2025: हिन्दू धर्म में अमावस्या का बड़ा महत्व है। इस साल मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को पड़ रहा है। मौनी अमावस्या के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन चंद्रमा और सूर्य मकर राशि में विराजमान रहेंगे। जिसके चलते त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। जो की 3 राशियों के लिए बेहद शुभ है। तो चलिए जानते है कौन सी है वो लकी राशियां ...
बता दें कि सभी अमावस्या में मौनी अमावस्या बेहद खास मानी जाती है. कहते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं यह दिन पितरों की आत्मा शांति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, इस दिन जल तर्पण और पिंडदान (Pind Daan) के कार्य किए जाते हैं। इस दिन किया गया दान पुण्य का फल 10 गुना ज्यादा मिलता है. आप किसी ब्राह्मण या गरीब को भोजन खिलाकर पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं।
त्रिग्रही योग से कर्क तुला और मकर को विशेष लाभ
कर्क राशि : तीन ग्रहों का गोचर और त्रिग्रही योग का बनना जातकों को लाभकारी सिद्ध हो सकता है।इस अवधि में गुड न्यूज मिल सकती है।कार्यों में अच्छी सफलता मिल सकती है। धन लाभ के अवसरों में वृद्धि होगी। संपत्ति से संबंधित कोई बड़ा लाभ मिल सकता है। भाग्य प्रबल रहेगा।मांगलिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।
मकर राशि: तीन ग्रहों का गोचर और त्रिग्रही योग जातकों के लिए अनुकूल सिद्ध हो सकता है। नवपंचम योग बनने से हर क्षेत्र में अपार सफलता हासिल हो सकती है। परिवार के साथ अच्छा वक्त बीत सकता है। आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है। शिक्षा के क्षेत्र में भी नए अवसर मिलेंगे। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। धनलाभ के भी प्रबल योग बनेंगे।
तुला राशि: तीन ग्रहों का गोचर और त्रिग्रही योग जातकों के लिए शुभ सिद्ध हो सकता है।अध्यात्म और धर्म की तरफ झुकाव बढ़ेगा। धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं।करियर में तरक्की मिलने के योग है। समाज में मान-सम्मान की तेजी से वृद्धि हो सकती हैलंबे समय से रुके और अटके काम फिर शुरू हो सकते हैं। भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी ।आपके ऊपर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहेगी। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
मौनी अमावस्या का महत्व
इस दिन का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि पितर इस दिन धरती पर आते हैं। श्रद्धालुओं को इस दिन संगम में स्नान के साथ पितरों का तर्पण और दान भी करना चाहिए। ग्रहों की स्थिति के अनुसार तय की गई अमृत स्नान की तिथियां अत्यंत शुभ मानी जाती हैं। मौनी अमावस्या पर स्नान से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान श्रद्धा, विश्वास और धार्मिकता से परिपूर्ण एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो सभी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का मार्ग प्रदान करता है।