रायपुर: बिजली नियामक आयोग में अब तक बिजली के नए टैरिफ पर फैसला नहीं हो सका है, लेकिन यह बात तय है कि इस साल भी महंगी बिजली का झटका जरूर लगेगा। छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी ने बिजली नियामक आयोग में नए सत्र के लिए जो याचिका लगाई है, उसमें 45 सौ करोड़ का घाटा बताते हुए इस घाटे को पूरा करने वाला नया टैरिफ लागू करने की मांग की है। अब आयोग पॉवर कंपनी का लेखा-जोखा देखने के बाद तय करेगा कि वास्तव में उनका कितना घाटा है। उसके हिसाब से ही नया टैरिफ तय होगा। नए टैरिफ से पहले जनसुनवाई होती है, लेकिन अभी जनसुनवाई की तारीख तय नहीं हुई है।
नए सत्र इतने करोड़ का फायदा :
पॉवर कंपनी 2025-26 के लिए प्रस्ताव भेजा है, जिसके मुताबिक इस साल 24 हजार 652 करोड़ की बिजली बेचेगी। जिसके लिए 23 हजार 82 करोड़ पॉवर कंपनी का खर्च होगा। ऐसे में पॉवर कंपनी को 1570 करोड़ का फायदा होगा। लेकिन 2023-24 में पॉवर कंपनी को अनुमान से 6130 करोड़ रुपए कम पड़े। ऐसे में इस अंतर की राशि में 1570 करोड़ को घटाने के बाद 4560 करोड़ रुपए का अंतर आ रहा है। इस अंतर की राशि के लिए ही टैरिफ बढ़ाने की मांग है। लेकिन आयोग तय करेगा कि वास्तव में पॉवर कंपनी को कितने पैसों की जरूरत होगी। उसके हिसाब से टैरिफ तय होगा।
दो सदस्यों का पद खाली:
इस समय बिजली नियामक आयोग में अध्यक्ष के साथ रहने वाले दो सदस्यों पद खाली हैं। बिना कोरम के किसी भी तरह की सुनवाई नहीं हो सकती। एक सदस्य का कार्यकाल सितंबर 2023 में पूरा हो गया था। एक और सदस्य का कार्यकाल बीते साल जुलाई में पूरा हुआ है। अब तक दोनों पदों पर नई नियुक्ति नहीं हो सकी है। नई नियुक्ति के बाद ही टैरिफ पर जनसुनवाई और नए टैरिफ का फैसला हो पाएगा। प्रदेश के बिजली नियामक आयोग में अध्यक्ष हेमंत वर्मा के साथ पहले लीगल सदस्य के रूप में विनोद देशमुख और तकनीकी सदस्य के रूप में सीके गुप्ता काम कर रहे थे। इनका कार्यकाल अब समाप्त हो गया है। नए सदस्यों की नियुक्ति के लिए कमेटी तो बन चुकी है, लेकिन सदस्यों का नियुक्ति कब तय होगा इसकी फैसला नहीं हो सका है। क्योंकि इस समय आयोग में दो सदस्यों के पद खाली है।
राज्य पॉवर कंपनी ने भेजा प्रस्ताव :
आमतौर पर जनसुनवाई फरवरी में हो जाती है, लेकिन अब तक यह नहीं हो सकी है। इसके होने के बाद ही नया टैरिफ तय होगा। छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी ने बिजली नियामक आयोग को 2025-26 के लिए जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें 45 सौ करोड़ की कमी बताते हुए इसकी भरपाई की मांग रखी है। वैसे तो नए सत्र में पॉवर कंपनी को लगभग 15 सौ करोड़ का फायदा होने का अनुमान लगाया जा रहा है, वहीं 2023-24 के सत्र के मुकाबले इसमें 6130 करोड़ रुपए का अंतर आया है। जिसमें लगभग 15 सौ करोड़ रु. घटाने के बाद भी अब 45 सौ करोड़ कम हुई है। इसको पूरा करने के लिए टैरिफ में इजाफा होगा। लेकिन यह कितना इजाफा होगा, इसको तय नियामक आयोग करेगा।