रायपुर: जिले का हिस्ट्रीशीटर तपन सरकार के स्पेस को अमित जोश हासिल करना चाहता था जो कि पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। इसका खुलासा पुलिस ने पहले ही किया था। अमित जोश जिले का बड़ा अपराधी था। बिना विवाद के भी वह किसी से भी भिड़ जाया करता था। पैसों के लिए लोगों को डरा धमकाकर हफ्ता वसूली कर खौफ जमाया करता था। अपराध जगत में खुद को बड़ा साबित करने के लिए अमित जोश ने मारपीट छोड़कर लोगों को जान से मारने की नीयत से हमला करना शुरू कर दिया।
इस बीच एक प्रकरण में पीड़ित की मौत होने पर उस पर हत्या का अपराध दर्ज हुआ। इसके अलावा पैसा कमाने के लिए लोगों से वसूली करता था। अपराधी अमित जोश की एक बड़ी टीम है, जिसे वह खुद ऑपरेट करता था। अमित की मौत के बाद से उसके गुर्गे भागे भागे फिर रहे हैं, लेकिन पुलिस भी इन अपराधियों पर नकेल कसने के लिए टीम बनाई है।
मददगारों के खिलाफ चलेगा पुलिस का अभियान
अमित जोश की मौत के बाद भी केस क्लोज नहीं किया जाएगा। ये कहना है जिला पुलिस कप्तान जितेंद्र शुक्ला का। उन्होंने कहा कि अमित के एनकाउंटर के साथ यह केस खत्म हो गया, ऐसा नहीं है। फरारी के दौरान आरोपी अमित जोश को 134 दिनों तक पनाह देने वाले और उसका संरक्षण करने वाले लोगों की पुलिस अब धरपकड़ शुरू करेगी। चार माह से अमित अलग-अलग जगह छिपकर पुलिस से बचता रहा था। अमित की मदद करने वालों में उसके परिवार के लोग या फिर जिले के बड़े हिस्ट्रीशीटरों का संरक्षण था। इसे लेकर पुलिस पड़ताल करना शुरू कर दिया है।
40 हजार के इनाम की घोषणा
अमित जोश पर पुलिस ने 40 हजार के इनाम की घोषणा भी की थी। एसपी जितेन्द्र शुक्ला के मुताबिक गोलीकांड के बाद अमित की लगातार पतासाजी की जा रही थी। पुलिस उसे जिंदा पकड़ना चाहती थी। इसलिए टीम ने उसे चेतावनी दी, लेकिन वह नहीं माना। इसके बाद पुलिस की जवाबी फायरिंग में अमित जोश वह मारा गया। दुर्ग जेल में अमित का जेलर से विवाद हो गया। बाहर आने के बाद उसके घर में जाकर मारपीट कर दी। फरारी के दौरान पुलिस को चैलेंज किया कि पुलिस उसे पैर में ही गोली मारकर पकड़ेगी, लेकिन जब वो जेल से छूटकर बाहर आएगा तो वो उस पुलिस वाले के घर में घुसकर गोली मार देगा।
आतंक का जल्द होगा अंत
शहर में ऐसा दौर भी था कि चौक-चौराहों पर अपराधी गैंगवार करते थे। जिसके तहत आपस में विवाद कर एक-दूसरे की हत्या कर इनका ग्रुप धीरे- धीरे खत्म हो गया। फिलहाल अमित जोश जैसे आदतन अपराधी फन उठा रहा था। पुलिस ने जवाबी हमले में अमित को मार गिराया है। इसके बाद से दुर्ग जिले के बड़े हिस्ट्रीशीटरों का नंबर न लग जाए? इस चक्कर दूसरा ठिया खोजने को मजबूर हो रहें है। फिलहाल पुलिस की इस कार्रवाई के बाद अपराधियों के हौसले पस्त है।
एसपी ने क्या कहा
जिले में अपराध और अपराधियों को पनपने नहीं दिया जाएगा। इससे जुड़े लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। चार माह से अमित अलग-अलग जगह छिपकर पुलिस से बच रहा था। उसकी मदद करने वालों के बारे में जानकारी हासिल की जा रही है।
जितेन्द्र शुक्ला, एसपी