DELHI: केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए चीनी के निर्यात पर लागु सीमा को एक साल के लिए और बढ़ा दिया है। अब इसे बढ़ाकर 2023 तक कर दिया गया है। प्रतिबंध बढ़ाए जाने के संबंध में सरकार ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया है। बता दें कि भारत गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक है। रायटर्स की एक एक खबर के अनुसार, अधिकारीयों ने कहा के इस वर्ष गन्ने रिकॉर्ड पैदावार होने की की उम्मीद है। भारत के लिए इससे 80 टन चीनी के निर्यात का मौका बन सकता है।
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वर्ष 2022-23 में भारत में शुगर सीजन में 2.75 टन चीनी की खपत होने का अनुमान है। इसमें मिल्स इथेनॉल बनाने के लिए 45 लाख टन चीनी का इस्तेमाल करेगी और वार्षिक बचत स्टॉक में 60 लाख टन चीनी को सुरक्षित रखा जायेगा।
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चीनी निर्यातकों को मिलेगा लाभ:
चीनी पर लगी निर्यात पर लगी सीमा के आगे बढ़ने से इसके निर्यातकों को लाभ होगा, साथ ही चीनी के बढ़े दाम का फायदा भी चीनी के निर्यातकों को मिलेगा।
निर्यातकों ने पहले ही वर्ष 2022-23 के लिए 4 लाख टन रॉ शुगर के निर्यात के लिए सौदा कर लिया है। मौजूदा मार्केटिंग वर्ष में भारत ने चीनी के निर्यात को 1.12 करोड़ तक सीमित कर दिया है ताकि बढ़ती कीमत को काबू किया जा सके। गौर की बात तो ये है की भारत अभी बढ़ती महंगाई से जूझ रहा है। अभी हाल ही में गेहूं के निर्यात पर भारत ने प्रतिबंध लगा दिया था। और साथ ही चीनी के निर्यात पर लगाम भी कसी थी।