सुमित बड़ाई//पखांजूर : कांकेर जिले का पखांजूर क्षेत्र इनदिनों बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था से गुजर रहा है। और इसके खामियाजा क्षेत्र के लोगो को उठाना पड़ रहा है।एम्बुलेंस समय पर ग्रामीणों को उपलब्ध नहीं हो पा रहे है। जिसके चलते मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है। जबकि कोयलीबेड़ा ब्लॉक घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है।अक्सर नक्सली घटनाये सामने आते रहती है।इसके आलावा आदिवासी बिहड़ इलाका होने के चलते अंदरूनी इलाके तक स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं पहुँच पाती जिससे आपातकालीन समय पर संजीवनी वाहन वरदान साबित हो रही थी लेकिन काफी समय से यह संजीवनी वाहन की सेवा ठप्प पड़ी हुई है।कहीं पर हादसा होने पर घायलों को निजी वाहन के जरिये अस्पताल ले जाने को ग्रामीण विवश हो गए है।क्यूंकि संजीवनी वाहन की सुविधा नहीं है। जबकि पखांजूर से जिला मुख्यालय की दुरी लगभग 130 किलोमीटर दूर है।ऐसे मे मरीजों को रेफर करना हो तो सरकार की एम्बुलेंस सेवा के बजाय लोगो को पैसे खर्च कर निजी एम्बुलेंस की ओर रुख करना पड़ता है।
संजीवनी वाहन व्यवस्था ठप्प:
संजीवनी वाहन व्यवस्था के ठप्प होने का एक बड़ा कारण सरकार द्वारा डीजल नहीं मिल पाना भी है।डीजल नहीं मिलने के चलते संजीवनी वाहनों के पहिये थम गए है।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोयलीबेड़ा मे आपातकालीन सुविधाएं भी पंगु साबित हो गई है।क्यूंकि बीमारो को अस्पताल तक पहुँचाने वाला एम्बुलेंस खुद बीमार पड़ा है।किसी एम्बुलेंस मे टायर तो किसी मे गेर बॉक्स तो किसी मे तमाम परेशानी है।एक चलित एम्बुलेंस है।जो पखांजूर सिविल अस्पताल ले जाया गया है।क्यूंकि सिविल अस्पताल पखांजूर का संजीवनी वाहन ख़राब है और बनने के लिए गया हुआ है।जिसके चलते कोयलीबेड़ा का एम्बुलेंस कोयलीबेड़ा और पखांजूर दोनों जगह व्यवस्था संभाले हुए है।
आपातकालीन व्यवस्था के नाम पर लोग भगवान भरोसे:
एम्बुलेंस व्यवस्था बदहाल होने का एक बड़ा कारण डीजल का आभाव भी माना जा रहा है।विभाग द्वारा डीजल मुहैया होने का हवाला देकर एम्बुलेंस के पहिये थमे हुए है।ग्रामीणों को डीजल डालकर एम्बुलेंस ले जाने की बात भी विभाग द्वारा कही जाती है।ऐसे मे स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत खुलने लगी है।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़गाँव मे तत्कालीन विधायक अनूप नाग ने मिनी एम्बुलेंस प्रदय किया गया था ताकि आपातकालीन व्यवस्था मे लाभ मिल सके।परन्तु डीजल के आभाव मे विभाग ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़गाँव से एम्बुलेंस को सिविल अस्पताल मे खडे करवा दिया गया है। जिसके चलते बड़गाव इलाके मे भी आपातकालीन व्यवस्था के नाम पर लोग भगवान भरोसे है।