रायपुर। छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स आज से असहयोग आंदोलन करेंगे। वहीं राइस मिलर्स के असहयोग का असर धान के उठाव पर पड़ेगा। ऐसे में धान का उठाव नहीं होने से खरीदी प्रभावित होगी। बताया जा रहा है कि मिलर्स ने 20 दिसंबर तक असहयोग आंदोलन करने का फैसला का लिया है। इसके साथ ही 21 दिसंबर को आमसभा का आयोजन होगा। इस आमसभा में मिलर्स आगामी रूपरेखा को लेकर चर्चा करेंगे।
इन मांगों को लेकर की वृहद बैठक :
राइस मिलर्स हड़ताल की शुरूआत में धान के उठाव की समस्या पर मुद्दा उठाएंगे। इस प्रदर्शन के चलते धान खरीदी प्रक्रिया काफी प्रभावित होगी। इसके अलावा राज्य सरकार से राइस मिलर्स चावल उद्योग से संबंधित विषयों पर अपनी मांगें रखेंगे। बतादें कि प्रदेश के समस्त मिलर्स रायपुर के श्री राम मंदिर स्थित आईपी रोड के हाल में इस सन्दर्भ में वृहद बैठक की है।
प्रदर्शन करने का लिया निर्णय :
जहां पर उनकी मांगें पर राज्य सरकार से सहमति मिलने के बाद भी एसएलसी दर से परिवहन भुगतान, बकाया भुगतान और एसएलसी दर से परिवहन भुगतान सहित कई अन्य विषयों पर मांगें पूरी नहीं होने को लेकर कस्टम मिलिंग के काम में इस माह की 20 तारीख तक असहयोग करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही मिलर्स ने इस मामले बैठक की है। वहीं इस दौरान काले कपड़े पहन कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
समस्त मिलर्स की मौजूदगी हुई बैठक :
वहीं मामले में राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने जानकारी देते हुए कहा कि, रायपुर के श्री राम मंदिर स्थित वीआईपी रोड के हाल में 12 दिसंबर को प्रदेश के समस्त मिलर्स की मौजूदगी में वृहद बैठक हुई। इस बैठक में राइस मिलर्स के लगभग 2500 लोग उपस्थित थे। जहां पर चावल उद्योग से संबंधित कई विषयों पर कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया है. जिसमें मिलर्स को प्रोत्साहन राशि वर्ष 2024-25 की 80/- रुपये प्रति क्विंटल करने और प्रोत्साहन की एक किस्त वर्ष 2023-24 का भुगतान करने के अलावा पेनाल्टी विषय पर भी निर्णय लिया गया है।