कुश अग्रवाल// बलौदाबाजार: बलौदाबाजार जिले के नगरीय निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद हेतु आरक्षण की घोषणा के बाद राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। जिले की तीन नगर पालिकाओं - बलौदाबाजार, भाटापारा और सिमगा के अध्यक्ष पद को इस बार सामान्य वर्ग के लिए अनारक्षित किया गया है।
चुनावी मैदान में टक्कर का मुकाबला :
वहीं, कसडोल, पलारी और रोहंशी नगर पंचायतों के अध्यक्ष पद भी सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किए गए हैं, जबकि लवन नगर पंचायत का अध्यक्ष पद अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित किया गया है। आरक्षण की घोषणा के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों में प्रत्याशी चयन को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। बलौदा बाजार नगर पालिका के करीब 20 हजार मतदाता इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए सीट सामान्य (अनारक्षित) होने के कारण इस बार सभी वर्गों के उम्मीदवार दावेदारी पेश कर सकते हैं। इससे चुनावी मैदान में मुकाबला कड़ा हो गया है।
राजनीतिक समीकरण:
बलौदाबाजार की नगर पालिका अध्यक्ष सीट पर दोनों दलों के लिए यह चुनाव बेहद अहम माना जा रहा है। भाजपा में कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा और भाटापारा के पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा की सलाह से प्रत्याशी चयन होने की संभावना है। 1995 से 2020 तक हुए छह चुनावों के विश्लेषण में बलौदाबाजार नगर पालिका में दो बार सामान्य वर्ग, तीन बार पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), और एक बार सामान्य वर्ग की महिला अध्यक्ष चुनी गई हैं। इस बार सामान्य सीट होने के बावजूद अधिकतर दावेदार ओबीसी वर्ग से सामने आ रहे हैं।
राजनीतिक समीकरण को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि दोनों प्रमुख दलों के बीच प्रत्याशी चयन को लेकर खींचतान तेज होगी। सभी वर्गों को अवसर मिलने से यह चुनाव दिलचस्प होगा।