बिलासपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज छत्तीसगढ़ के बिल्हा स्थित मोहभट्टा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां पर उन्होंने राज्य को 33 हजार 700 करोड़ रुपए से भी अधिक की सौगात दी। और कई परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी बिल्हा में विशाल आमसभा को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने बिजली, तेल तथा गैस, रेल, सड़क, शिक्षा और आवास क्षेत्रों करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण किया।
रेलवे परियोजनाओं का रखा आधारशिला :
इसके साथ ही प्रधानमंत्री 108 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली सात रेलवे परियोजनाओं की आधारशिला रखा और और 2,690 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 111 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली तीन रेलवे परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। वहीं इससे पहले रायपुर एयरपोर्ट पर सांसद विजय बघेल, मंत्री केदार कश्यप, सांसद बृजमोहन अग्रवाल विधायक मोतीलाल साहू और विधायक राजेश मूणत, महापौर मिनल चौबे और विधायक खुशवंत साहेब ने एयरपोर्ट में उनका स्वागत किया।
इन विकास कार्यों का किया शुभारंभ :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर में बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अनुरूप, सस्ती और विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराने और छत्तीसगढ़ को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। वह बिलासपुर जिले में स्थित एनटीपीसी की सीपत सुपर थर्मल पावर परियोजना चरण- III (1x800एमडब्ल्यू) की आधारशिला रखेंगे, जिसकी लागत 9,790 करोड़ रुपये से अधिक है। यह पिट हेड परियोजना उच्च बिजली उत्पादन दक्षता के साथ अत्याधुनिक अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित है। वह छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) की 15,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली पहली सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना (2X660एमडब्ल्यू) के कार्यों का शुरुआत किया। वह पश्चिमी क्षेत्र विस्तार योजना (डब्ल्यूआरईएस) के तहत 560 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली पावरग्रिड की तीन विद्युत पारेषण परियोजनाओं का शुरुआत किया।
सीएनजी डिस्पेंसिंग और सीजीडी परियोजना :
भारत के शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्यों, वायु प्रदूषण में कमी लाने और स्वच्छ ऊर्जा समाधान प्रदान करने के अनुरूप, प्रधानमंत्री कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर और सरगुजा जिलों में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) की सिटी गैस वितरण (सीजीडी) परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इसमें 200 किलोमीटर से अधिक हाई प्रेशर पाइपलाइन और 800 किलोमीटर से अधिक एमडीपीई (मीडियम डेंसिटी पॉलीइथिलीन) पाइपलाइन और 1,285 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई सीएनजी डिस्पेंसिंग आउटलेट शामिल हैं। वह विशाख-रायपुर पाइपलाइन (वीआरपीएल) परियोजना, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की 540 किलोमीटर लंबी की भी आधारशिला रखेंगे, जिसकी लागत 2210 करोड़ रुपये से अधिक होगी। इस बहुउत्पाद (पेट्रोल, डीजल, केरोसिन) पाइपलाइन की क्षमता 3 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष से अधिक होगी।