भोपाल। बुधवार को राजधानी स्थित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की सेंट्रल जोनल बेंच में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निष्पादन पर पहली सुनवाई हुई। ज्यूडिशियल मेंबर जस्टिस श्योकुमार सिंह और एक्सपर्ट मेंबर डॉ. अफरोज अहमद की बेंच ने सरकार और याचिकाकर्ता दोनों का पक्ष सुना और फैसला सुरक्षित रखा है। उम्मीद है कि गुरुवार को कोई आदेश जारी हो सकता है।
यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निष्पादन को लेकर एनजीटी में याचिका लगाई गई थी, जिसकी पहली सुनवाई हुई। यह पिटीशन जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से दायर की गई है। याचिकाकर्ता डाॅ. पीजी नाजपांडे एवं अन्य की ओर से अधिवक्ता प्रभात यादव ने बेंच के सामने पक्ष रखा।
अधिवक्ता प्रभात यादव ने बताया कि बेंच में सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में हाईकोर्ट का आदेश 2004 में आया था, जबकि इसका निष्पादन अब किया जा रहा है। अब इसके वैज्ञानिक तरीके से होने वाले निष्पादन से जल, वायु और मृदा प्रदूषण से क्या असर पड़ेगा। इसे सार्वजनिक करने के लिए याचिका के माध्यम से मांग की गई है कि सरकार लिखित में दे कि कचरा जलाए जाने से पीथमपुर में लोगों और पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा।