भोपाल। हमेशा से विवादों में रहने वाली मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी की लापरवाही से प्रदेश के पैरामेडिकल कोर्सेज के 35 हजार से ज्यादा छात्रों का भविष्य अधर में चला गया है। मेडिकल यूनिवर्सिटी की पैरामेडिकल कोर्सेस के लिए सत्र 2021 सत्र की परीक्षाएं अटकी हुई हैं। इसके चलते फिजियोथैरेपी, ईसीजी टेक्नीशियन, ओटी टेक्नीशियन, एनेस्थीसिया असिस्टेंट और अन्य कोर्सेस में छात्रों की फाइनल परीक्षाएं भी अटकी हुई हैं। छात्रों का कहना है कि परीक्षा न होने से उनका भविष्य खराब हो रहा है। मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन के इस फैसले के पीछे की वजह परीक्षा कराने में प्रशासन की नाकामी से जोड़कर देखा जा रहा है।
नर्सिंग घोटाले की वजह से अटकी थीं परीक्षाएं
पैरामेडिकल कोर्सेज के छात्रों का कहना है कि मप्र में नर्सिंग कॉलेज घोटाले के चलते मेडिकल विवि में सभी कोर्सेज की परीक्षाओं पर रोक लगा दी गई थी। गड़बड़ी नर्सिंग में हुई, इसकी जांच के बाद नर्सिंग की परीक्षाएं भी हो गई, लेकिन पैरामेडिकल कोर्स का शेड्यूल तक जारी नहीं किया गया है, जबकि इस घोटाले में पैरामेडिकल विभाग का कोई मामला सामने नहीं आया था।
एक छात्र ने की आत्महत्या की कोशिश
छात्रों का आरोप है कि परीक्षाएं न होने से वे कई प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। कई छात्र ऐसे भी हैं जिनकी उम्र ज्यादा है और उनके पास एक या दो मौके ही हैं। इन हालातों से दुखी राजस्थान के एक छात्र ने आत्महत्या की कोशिश भी की थी। छात्रों का कहना है कि मामले को लेकर डिप्टी सीएम से मिले थे। उन्होंने विवि प्रशासन को जुलाई तक सभी परीक्षाएं आयोजित कर रिजल्ट जारी करने के निर्देश भी दिए थे।
परीक्षा नहीं करवा पा रही यूनिवर्सिटी
दरअसल, मेडिकल यूनिवर्सिटी पैरामेडिकल कोर्सेस में परीक्षाएं नहीं करवा पा रही है। बीपीटी यानी बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी के छात्रों के दो बैच सत्र 2020-21 और 2021-22 की परीक्षा अब तक नहीं हुई है। ऐसे में चार साल का कोर्स सात साल में पूरा हो रहा है। मेडिकल यूनिवर्सिटी का पूरा कैलेंडर ही कई सालों पीछे चल रहा है। मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधिकारियों का कहना है कि पैरामेडिकल कोर्सेज के कैलेंडर को ठीक करने के लिए ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह कड़ा फैसला लिया है।
परीक्षा का काम चल रहा है...
परीक्षाओं को लेकर काम चल रहा है। जल्द ही परीक्षाओं को लेकर जानकारी जारी की जाएगी।
डॉ. पुष्पराज सिंह बघेल, रजिस्ट्रार, मप्र मेडिकल विवि, जबलपुर