बलौदाबाजार// कुश अग्रवाल: बलौदाबाजार में गोंडवाना महासभा के तत्वाधान में कृषि उपज मंडी परिसर में 44 कन्याओं का सामूहिक विवाह आयोजित किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साहू, राजस्व मंत्री टक राम वर्मा, पाली तानाखार के विधायक और आदिवासी समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने सभी नवविवाहित जोड़ों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और प्रत्येक को 35,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की।
फिजूलखर्ची को रोकने और आर्थिक रूप से परिवारों की मदद में सहायक :
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आदिवासी समाज सदैव अपनी संस्कृति और परंपराओं का पालन करता आ रहा है। सामूहिक विवाह आयोजन फिजूलखर्ची को रोकने और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की मदद के लिए एक सार्थक पहल है। उन्होंने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि पहले आदिवासी समाज के लिए बेटा-बेटी की शादी करना कठिन था। गरीब परिवारों को संपन्न किसानों के घर मजदूरी करनी पड़ती थी, तब जाकर वे शादी का खर्च उठा पाते थे।
50,हजार रुपये कर दी गई सहायता राशि :
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की कन्या विवाह योजना की सराहना की, जो पहले 5,000 रुपये की सहायता प्रदान करती थी और अब यह राशि बढ़ाकर 50,हजार रुपये कर दी गई है। इससे गरीब माता-पिता को अपनी बेटियों की शादी में बड़ी राहत मिलती है। मुख्यमंत्री ने आदिवासी समाज की मांग पर बलौदा बाजार शहर और सोहेला क्षेत्र में आदिवासी भवन के निर्माण के लिए 20-20 लाख रुपये देने की घोषणा की। यह आदिवासी समाज के विकास में सहायक सिद्ध होगा। सामूहिक विवाह जैसे आयोजन सामाजिक एकता को बढ़ाते हैं और जरूरतमंद परिवारों की मदद करते हैं, जिससे समाज में समरसता और सहयोग की भावना मजबूत होती है।