भोपाल। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में शुक्रवार- शनिवार की रात का पारा तेजी से गिरा। भोपाल में सीजन की सबसे सर्द रात का तापमान 3.8 डिग्री रहा, जो सामान्य से 7.1 डिग्री कम है। यह 11 साल की दूसरी सबसे ठंडी रात रही, जबकि यह तापमान ऑल टाइम रिकॉर्ड से केवल 7 डिग्री अधिक है। राजधानी में 11 दिसंबर 1966 को ऑल टाइम सबसे कम तापमान 3.1 डिग्री रहा है। शहर में बीते 11 साल में दिसंबर 2014 से दिसंबर 2024 के बीच केवल 20 दिसंबर 2020 को न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री रहा था।
प्रदेश में सबसे सर्द शहडोल रहा। यहां का पारा 1.5 डिग्री रहा। पांच जिलों का तापमान 3 डिग्री तक रहने से बर्फ जमाने वाली सर्दी रही। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने से हवाएं पूरी तरह उत्तरी रहीं, जिससे रात के तापमान में पूरे प्रदेश में तेजी से गिरावट रही है। भोपाल सहित प्रदेशभर में अभी कड़ाके की सर्दी का असर जारी रहेगा।
आग की तपन भी बेअसर
राजधानी में हवाएं सीधे पहाड़ों से क्या आईं कि ठंड ने रिकार्ड तोडऩे शुरू कर दिए। शनिवार को राजधानी में सर्दी का ऐसा असर रहा कि आग की तपन भी बेअसर महसूस की गई। अलसुबह तक साफ आसमान के नीचे सरसराती बर्फीली हवाएं अहसास कराती रहीं कि सुबह तक शहर में ओस की बूंदें जमकर बर्फ बन जाएंगी। इस सीजन में पहली बार इतनी तेज सर्दी रही कि 11 साल में दूसरी बार रात का पारा यहां 3 से 4 डिग्री के बीच पहुंच गया। शनिवार को यहां न्यूनतम पारा 4 डिग्री गिरकर 3.8 डिग्री रहा, जो सामान्य से 7 डिग्री कम रहा। मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के अनुसार हवाएं सीधी पहाड़ों से आने लगी हैं, जिससे रात में सर्दी अचानक तेजी से बढ़ी है। मौसम केंद्र के अनुसार तीन दिन बाद तापमान में कुछ बढ़त हो सकती है।
हमीदिया का आईसीयू फुल एम्स में 90% तक बेड भरे
राजधानी में पड़ रही कड़ाके की सर्दी ने बच्चे, बुजुर्ग से लेकर युवाओं के भी होश उड़ा दिए है। हमीदिया अस्पताल हो या फिर एम्स में पिछले आठ दिनों में हार्ट के मरीजों की संख्या में 20 से 30 प्रतिशत तक इजाफा हुआ है। आलम यह है कि हमीदिया अस्पताल का आईसीयू फुल हो चुका है। वहीं एम्स की जनरल वार्ड में 90 प्रतिशत बेड भी भरे हुए हैं। इस बार हार्ट संबंधित मरीजों में युवा भी शामिल है। इनमें से कुछ युवा मरीज तो ऐसे हैं इनकी उम्र 35 से 45 के बीच है। हमीदिया अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. आरएस मीणा ने बताया कि ठंड के बढ़ते ही हार्ट के मरीजों की भी संख्या बढ़ रही है। मौसम में बदलाव के साथ युवाओं में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मामले दो गुना हो गए, जबकि अभी ठंड की शुरुआत हुई है। कार्डियोलॉजी विभाग के ओपीडी में पहले की तुलना में करीब 20 गुना मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं और इसमें भी आधा प्रतिशत युवाओं का है।
आ रहे क्लॉटिंग के केस
डॉ मीणा ने बताया कि कोलार में रहने वाले 42 साल के व्यक्ति अपने घर में खड़े होकर काम कर रहे थे। इसी दौरान वे गिर गए। जांच की तो पता चला कि हार्ट अटैक आया है। इन्हें भी क्लॉटिंग थी।
मॉर्निंग वॉक करने से बचें
सर्दियों में मॉर्निंग वॉक पर जाने से बचें। अगर जाना भी है तो 7 बजे के बाद जाएं। सर्दियों में मॉर्निंग वॉक करने से सर्द हवा और नमी घातक हो सकती है। धूप में वॉक और व्यायाम करने से आप ज्यादा फ्रेश फील करेंगे व ठंड से होने वाले नुकसान से भी बच पाएंगे। डॉ. सुबोध मंडल, ह्दय रोग विशेषज्ञ
केलोस्ट्रॉल बढ़ने से आ रही है दिक्कत
सर्दी में ऑक्सीजन की कमी रहती है, जिससे रक्त वाहिनी सक्रिय हो जाती हैं, वहीं दिल के मरीजों की तकलीफ बढ़ जाती हंै। सर्दियों में ब्लड प्रेशर सामान्य से कुछ ज्यादा रहता है, लेकिन कई लोगों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा रहता है। उनके लिए ये मौसम खासा खतरनाक होता है। इस मौसम में दिल के रोगियों को कई तरह की गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दिल के मरीजों में घबराहट हाई ब्लड प्रेशर सीने में दबाव या जकड़न बढ़ जाती है।
डॉ. धीरज शुक्ला, मेडिसिन विशेषज्ञ