भोपाल। मप्र में किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया व डीएपी उपलब्ध कराने को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को अवकाश के दिन उच्च स्तरीय बैठक बुला ली।उन्होंने अधिकारियों से कहा कि समय रहते एक-एक किसान को खाद मुहैया कराएं। किसी भी सूरत में बोवनी प्रभावित नहीं हो। जैविक तथा प्राकृतिक खाद के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित करें। इससे रासायनिक खाद को हतोत्सािहत किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में उर्वरक प्रबंधन की समीक्षा के दौरान यह बात कही। मुख्यमंत्री निवास स्थित समत्व भवन में हुई बैठक में सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग,अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। डॉ. यादव ने कहा कि गो-वंश आधारित जैव उर्वरकों के उपयोग को प्रदेश में प्रोत्साहित किया जाए। कृषक, यह मिट्टी की गुणवत्ता और धरती की सेहत के लिए लाभप्रद है। जैविक खाद के उपयोग को बढ़ाने के लिए कृषकों को प्रोत्साहित करने का मॉडल विकसित किया जाए। राज्य की यह पहल अन्य प्रदेशों के लिए भी अनुकरणीय होगी।
उर्वरकों के अग्रिम भंडारण की व्यवस्था पहले से ही कराएं डॉ. यादव ने कहा कि किसानों को फसल चक्र के अनुसार समय रहते उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए उर्वरक वितरण के प्रमुख केंद्रों पर अग्रिम भंडारण सुनिश्चित किया जाए।
उर्वरकों की उपलब्धता गत चार वर्षों में सर्वाधिक
अपर मुख्य सचिव बर्णवाल ने बताया कि प्रदेश में फसलों की बुवाई लगभग 97 प्रतिशत है। वर्तमान वर्ष में यूरिया, एनपीके, एसएसपी और एमओपी उर्वरकों की उपलब्धता गत चार वर्षों में सर्वाधिक है। वर्तमान तक उपलब्ध 35 लाख 68 हजार मीट्रिक टन में से 32 लाख मीट्रिक टन से अधिक यूरिया का वितरण हो चुका है। इसी प्रकार 9 लाख 29 हजार मीट्रिक टन एनपीके, 10 लाख 58 हजार मीट्रिक टन एसएसपी, 91 हजार मीट्रिक टन एमओपी वितरित हो चुका है। इसी प्रकार 10 लाख 82 मीट्रिक टन डीएपी और 20 लाख 11 हजार मीट्रिक टन डीएपी प्लस एनपीके वितरित किया जा चुका है।