भोपाल। मप्र में इस वक्त अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इस वजह से कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। इसे देखते हुए मप्र सरकार ने राज्य स्तर पर अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादला नीति में संशोधन करते हुए नई तबादला नीति 2025 जारी कर दी। इसे पिछली कैबिनेट में मंजूरी दी गई थी। तबादला विशेष परिस्थितियों में ही किया जा सकेगा। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने तबादले के लिए पांच तरह की शर्ते रखी हैं। इन शर्तो को पूरा करने शासकीय सेवक ही तबादले के पात्र होंगे।
पांच अपवादिक परिस्थितियों में ही तबादले
प्रतिबंध अवधि में तबादला नीति से हटकर सामान्यत: केवल इन्हीं पांच अपवादिक परिस्थितियों में ही तबादले किए जा सकेंगे। इसमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के शासकीय सेवकों के तबादले होंगे। तबादला विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद ही हो सकेगा।
नई तबादला नीति की प्रथम शर्त गंभीर बीमारी जिसमें कैंसर, लकवा, हृदयरोग या पक्षाघात, दूसरे में ऐसे न्यायालयीन निर्णय जिसमें विधिक विकल्प शेष नहीं हो। हालांकि, वहां विभागीय जांच लंबित नहीं हो। तीसरे में अत्यंत गंभीर शिकायतें, गंभीर अनियमितता, लापरवाही जिसमें अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू हो गई हो। चौथे में लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू या आपराधिक मामला दर्ज हो और जांच प्रभावित न करने की स्थिति में तथा पांचवें में निलंबन, त्यागपत्र, सेवानिवृत्ति (सामान्य, अनिवार्य, स्वैच्छिक) पदोन्नति, प्रतिनियुक्ति से वापसी जैसे मामलों में तबादला किया जा सकेगा।