MP Politics : मध्यप्रदेश बीजेपी में जिलाध्यक्षों का रास्ता साफ होने के बाद अब लोगों की निगाहें प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष और कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को पार्टी में कैसे और कहा एडजस्ट किया जाएगा इस पर टिकी हुई है। क्योंकि प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष के चयन के बाद प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां होना है। संगठन से लेकर निगम मंडलों में नियुक्तियों की अटकले लगाई जा रही है। ऐसे में बीजेपी लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से भाजपा में आए बड़े नेताओं को पार्टी में एडजस्ट कर सकती है।
नियुक्तियों का खाका तैयार?
बीजेपी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं को पार्टी निगम मंडलों और बीजेपी कार्यकारिणी में एडजस्ट करेगी। प्रदेश की मोहन सरकार को 11 महीनों से अधिक का समय हो गया है, लेकिन सरकार ने निगम मंडलों में नियुक्ति नहीं की है। इसके अलावा प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी का भी विस्तार होना है। हालांकि पार्टी स्तर पर राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर कई बार बैठके हो चुकी है, लेकिन पेंच कांग्रेस से बीजेपी में आए नेताओं को एडजस्ट को लेकर फंस रहा है। पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि प्रदेश संगठन ने राजनीतिक नियुक्तियों का खाका तैयार कर लिया है। नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद राजनीतिक और संगठनात्मक नियुक्ति की जाएंगी।
सिंधिया समर्थक निुयक्ति से मिले संकेत
दरसअल, जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के दौरान शिवपुरी में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक जसवंत जाटव को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। जाटव कांग्रेस छोड़कर सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे। जाटव को बीजेपी में आए अभी चार साल पूरे नहीं हुए है, लेकिन उन्हें बीजेपी ने जिलाध्यक्ष बना दिया। जबकि 6 साल तक पार्टी में सक्रिय सदस्य होने का नियम है। ऐसे में संकेत मिलते है कि जाटव की तरह अन्य नेताओं को भी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
पद की आस में कई सीनियर नेता
आपको बता दें कि कांग्रेस से बीजेपी में आए कई नेता पद की आस लगाए बैठे है। सुरेश पचौरी से लेकर रामनिवास रावत कांग्रेस से बीजेपी में आए थे। हालांकि बीजेपी ने रावत को पार्टी में शामिल होने के बाद मंत्री पद दे दिया था, लेकिन रावत उपचुनाव हार गए। माना जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों में इन नेताओं की किस्मत का ताला खुल सकता है। बीजेपी सुरेश पचौरी को पार्टी या फिर निगम मंडलों में नियुक्ति दे सकती है। वही रामनिवास रावत को निगम मंडल के जरिए मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है। वही छिंदवाड़ा के पूर्व विधायक कमलनाथ के खास रहे दीपक सक्सेना को भी कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। साथ ही कांग्रेस से बीजेपी में आए अमरवाड़ा विधायक कमलेश शाह को बीजेपी मंत्रिमंडल या फिर निगम मंडलों में मंत्री का दर्जा दे सकती है।
पूर्व विधायक और सासंदो को क्या जिम्मेदारी?
यह भी बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान कई पूर्व विधायक और सासंद कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए थे। बीजेपी ऐसे नेताओं को भी सत्ता और संगठन में एडजस्ट कर सकती है। कई नेताओं को नए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की टीम में जगह दी जा सकती है।