Bangladesh Protest : बांग्लादेश में हो रहे हिंदू अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के विरोध में 04 दिसंबर को हिंदू संगठनों ने बंद का आह्वान किया है। भोपाल समेत मध्यप्रदेश के कई शहरों में बंद का असर देखा गया। हिंदू संगठनों ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया। संगठनों का कहना था कि हमारा विरोध किसी जाति या समुदाय से नहीं है। हम अपनी आवाज को संयुक्त राष्ट्र संघ तक पहुंचाना चाहते हैं, ताकि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर होने वाली अत्याचार की घटनाएं थमें।
आंदोलन मुस्लिमों के विरुद्ध नहीं
भोपाल में भी बंद का असर देखा गया। भोपाल के भारत माता चौराहे पर हिंदू संगठनों ने दोपहर 2 बजे से धरना-प्रदर्शन की शुरूआत की। वहीं इंदौर, जबलपुर समेत कई शहरों में आक्रोश रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपे गए। विरोध प्रदर्शन से पहले भाजपा के पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह ने एक वीडियो जारी कर कहा कि हमें संकल्प लेना होगा कि हम एकजुट रहें और अपने समाज के अधिकारों और अस्तित्व की रक्षा करें। उन्होंने नागरिकों से दोपहर दो बजे से होने वाले प्रदर्शन में भागीदारी करने की अपील की है। यह प्रदर्शन बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समाज पर हो रहे अत्याचार को संयुक्त राष्ट्र संघ तक पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। यह आंदोलन भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों के विरुद्ध नहीं है। इस प्रदर्शन में सभी धर्मों, जातियों, सभी राजनीतिक दलों, सभी प्रकार के संगठनों, संस्थाओं, उद्योगों से सफल बनाने की अपील की गई है।
भोपाल का थोक दवा बाजार भी बंद
भोपाल में आधे दिन तक बाजार बंद रहा तो वहीं कृषि उपज मंडी में व्यापारियों ने अनाज की खरीदारी नहीं की। वहीं, भोपाल का थोक दवा बाजार भी पूरी तरह बंद रहा। थोक दवा बाजार की करीब एक हजार से अधिक दुकानें बंद रहीं। भोपाल किराना व्यापारी महासंघ के व्यापारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सकल हिन्दु समाज, धार्मिक व सामाजिक संगठनों की सहभागिता के साथ व्यापारी समेत सभी वर्ग के लोग शामिल रहे। इसके अलावा कई साहित्यकार, शिक्षक, सेना के पूर्व कमांडर, सेवानिवृत्त अफसर, डॉक्टरों ने शामिल होकर विरोध जताया।
ना पोहा, ना चाय बांग्लादेश हाय-हाय
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में पूरा इंदौर एकजुट रहा। बांग्लादेश सरकार के विरोध में करीब चार लाख से अधिक लोगों ने रैली निकाली। रैली के लिए लोग लालबाग पर एकत्र हुए। व्यापारी एसोसिएशन ने शहर में आधे दिन दुकानें बंद रखा। इंदौर के छप्पन दुकान पर अलग-अलग जगह पोस्टर लगाए। इसमें एक सवाल उठाया है आखिर कब तक ? साथ ही लिखा है- बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार के विरोध में 'ना पोहा ना चाय बांग्लादेश हाय-हाय'।
लालबाग से कलेक्टोरेट तक पहुंची रैली
विशाल रैली लालबाग परिसर से कलेक्टर कार्यालय तक निकाली गई। इंदौर अनाज तिलहन व्यापारी संघ ने आज छावनी अनाज मंडी को बंद रखा। छावनी अनाज मंडी भी बंद रही। इंदौर की सड़कों पर लाखों लोग सुबह लालबाग पहुंच गए, जहां से रैली के रूप में कलेक्टोरेट पहुंचे। खास बात यह रही की इस विशाल रैली में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। अैर बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।
इंदौर में सबसे बड़ा प्रदर्शन
इंदौर में सुबह से ही शहर के सारे बाजार और मंडियां बंद रही। हालांकि बंद आधे दिन का रखा गया था। सकल हिंदू समाज के आह्वान पर निकली रैली की तैयारियां दो-तीन दिनों से चल रही थी। सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश भेजकर लोगों को रैली में चलने का आग्रह किया गया। इंदौर में करीब 1 लाख से अधिक लोग हिंदू सकल समाज की रैली महूनाका चौराहा से होते हुए कलेक्टोरेट तक पहुंची और एक ज्ञापन सौंपा।
अन्य जिलों के लोग हुए शामिल
इंदौर रैली में इंदौर के अलावा आसपास के जिलों के लोग भी अपना विरोध जताने के लिए पहुंचे। रैली में लोगों ने जाग जाओ बांग्लादेश सरकार बंद करो हिन्दुओं पर अत्याचार, हिंदुओं पर आधात-अब बंद करो जैसे नारे लगाए। रैली में बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हुए।