भोपाल। कान्हा टाइगर रिजर्व मंडला से इलाज के लिए वन विहार लेकर आए वृद्ध बाघिन टी-40 के गुर्दे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। बाघिन टी-40 को वन विहार स्थित रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है। वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अतुल गुप्ता द्वारा किए गए हेमोटोलॉजिकल एवं सीरोलॉजिक परीक्षण में पाया गया कि बाघिन के गुर्दे ठीक तरह से कार्य नहीं कर रहे हैं। बाघिन टी-40 का डॉ. काजल जाधव, सहायक प्राध्यापक राज्य वन्यप्राणी फॉरेंसिक हैल्थ जबलपुर एवं डॉ. राजेश तोमर वन्यप्राणी चिकित्सक मुकुंदपुर जू से परामर्श अनुसार उपचार किया जा रहा है।
समुचित उपचार किया जा रहा
संचालक वन विहार राष्ट्रीय उद्यान ने बताया कि बुधवार को डॉ. अतुल गुप्ता द्वारा बाघिन टी-40 का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनकी रिपोर्ट अनुसार बाघिन ने 16 दिसंबर से भोजन लेना बंद कर दिया है। अधिक उम्र के कारण सतत्ा उपचार के बाद भी बाघिन के स्वास्थ्य में वांछित सुधार नहीं हो रहा है। वर्तमान में बाघिन की स्थिति गंभीर बनी हुई है। बाघिन की गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखकर समुचित उपचार किया जा रहा है।