भोपाल : युनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा आखिरकर 40 साल के बाद जलने जा रहा है। जिसको लेकर तरह तरह की सावधानी बरती जा रही है। तो वही दूसरी तरफ पीथमपुर की रामकी एनवायरो फैक्ट्री में कचरे को जलाने को लेकर रहवासियो में डर माहौल है। इसी के चलते रहवासी द्वारा आज विरोध रैली निकाली गई। इतना ही नहीं यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भी काफी चिंतित है। उनका कहना है कि इस कचरे को जलाने से पर्यावरण को काफी नुकसान होगा। जिसके चलते उन्होंने आज पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात कर चर्चा की।
कचरा जलाने से संभावित नुकसान - जीतू पटवारी
यूनियन कार्बाइड का कचरा धार जिले के पीथमपुर में जलाने के विरोध में पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इंदौर में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन (ताई) से मुलाकात की। पटवारी ने कचरा जलाने से संभावित नुकसान पर चिंता जताई और इसे पीथमपुर और इंदौर के पर्यावरण के लिए खतरनाक बताया। पटवारी ने कहा कि यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने से आने वाली पीढ़ियों को नुकसान होगा। उन्होंने पहले 10 टन कचरा जलाने से हुए नुकसान की जानकारी साझा करते हुए कहा कि इस निर्णय से क्षेत्र के लोगों के जीवन और पर्यावरण पर गंभीर असर पड़ेगा।
दस टन कचरा पहले जलाया जा चुका हैं
यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने को लेकर जीतू पटवारी ने आगे कहा कि यह मामला कांग्रेस बीजेपी का नहीं इंदौर का है। जनप्रतिनिधि होने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा कि कुछ साल पहले दस टन कचरा जलाया गया था जिसका असर उस इलाके में साफ़ देखा जा सकता है। चिंता यह है की इस प्रोसेस से यशवंत सागर के पानी पर बुरा असर पड़ेगा। कचरा निपटाने के पीछे की असली कहानी यह है की भोपाल की वो जमीन बैंक के पास है उसे जल्द खाली करवाना है।
सुमित्रा महाजन ने गैस त्रासदी के खौफनाक मंजर को किया याद
जीतू अच्छा इंसान है, उसको जो चिंता है वो हम सभी को है। यूनियन कार्बाइड बोले तो हम सब का दिल दहल जाता है। कोर्ट का जो निर्णय है वो अपनी जगह है पर ये क्या हो रहा है कुछ तो बताओ। कोर्ट का क्या फैसला है मुझे नहीं पता पर मिलकर कोई निर्णय होना चाहिए। ये लोगो के जीवन का सवाल है और यह कोई एक पीढ़ी की बात नहीं है भोपाल में हम इसे पीढ़ी दर पीढ़ी देख रहे हैं। इस पर वैज्ञानिकों की राय लेनी चाहिए और SGSITS व IIT जैसे संस्थानों में चर्चा कर समाधान ढूंढना चाहिए। ताई और जीतू पटवारी दोनों ने इस मुद्दे पर सामूहिक विचार-विमर्श की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और मानव जीवन की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए।