भोपाल ; देश में इन दिनों लगातार बढ़ती चोरी को देखते हुए प्रशासन द्वारा एक बड़ा कदम उठाया गया है। जिसके तहत अब से देश के हर वाहन पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है। HSRP नंबर प्लेट लगाने से प्रदेश में चोरी की वारदात काम होगी। साथ ही ट्रैफिक पुलिस को काफी राहत मिलेगी। लेकिन गाड़ियों में इन नंबर प्लेट को लगाने में काफी समय लगा रहा है। जिसको देखते हुए परिवहन विभाग ने इस प्रक्रिया को करने के लिए आखिरी तारीख को आगे बढ़ते हुए 1 माह का समय और दे दिया है। अगर तय समय सीमा के अंदर आपने अपने वाहन में एचएसआरपी नहीं लगवाया तो आपको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
15 जनवरी आखिरी तारीख
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बता दें कि 1 अप्रैल 2019 से पहले की रजिस्टर्ड गाडियां 15 जनवरी तक नंबर प्लेट लगा सकेंगे। 15 जनवरी के बाद एचएसआरपी नंबर प्लेट नहीं होने पर कार्रवाई होगी। बताया जा रहा है, कि अभी भी करीब 40 हजार गाड़ियों में नंबर प्लेट लगना है। ऐसे में अगर अपने अभी तक इस काम को नहीं किया है तो 15 जनवरी से पहले ये काम करवा लें। 15 जनवरी के बाद एचएसआरपी नंबर प्लेट नहीं होने पर वाहन चालक पर करवाई की जाएगी।
HSRP क्या है?
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एक एल्यूमीनियम निर्मित नंबर प्लेट होती है, जो वाहन के फ्रंट और रियर में लगाई जाती है। एचएसआरपी के ऊपरी बाएं कोने पर एक नीले रंग का क्रोमियम-आधारित अशोक चक्र का होलोग्राम होता है। इसके निचले बाएं कोने पर एक यूनिक लेजर-ब्रांडेड 10-अंकीय स्थायी पहचान संख्या (पिन) दिया जाता है।
इन गाड़ियों पर नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य
सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट 1989 के नियम 50 के तहत वाहन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य है। इस एक्ट के तहत कुल छह तरह के वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य है जिनमें नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल, ट्रांसपोर्ट व्हीकल, रेंट अ कैब वाले ट्रांसपोर्ट व्हीकल, बैटरी से चलने वाले रेंट अ कैब वाले ट्रांसपोर्ट व्हीकल, बैटरी से चलने वाले नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल और बैटरी से चलने वाले ट्रांसपोर्ट व्हीकल शामिल हैं। नए वाहनों के अलावा पुराने वाहनों पर भी इसे लगाना जरूरी है।
इस वजह से लिया गया फैसला
अप्रैल 2019 से पहले उपलब्ध नंबर प्लेटों के साथ छेड़छाड़ करना आसान था और उन्हें आसानी से हटाया और बदला जा सकता था। इसके चलते वाहन चोरी की घटनाओं में भी काफी वृद्धि हुई। अक्सर देखने को मिलता था कि चोरी करने के बाद चोर लगाए गए पंजीकरण नंबरों को बदल देते थे, जिससे अधिकारियों के लिए वाहन को ट्रैक करना लगभग असंभव हो जाता है। एचएसआरपी नंबर प्लेट आने के बाद कार की चोरी के मामले कम हुए हैं क्योंकि ये केवल एक बार ही प्रयोग की जा सकती हैं और वाहन में लगने के बाद खुलती नहीं हैं, बल्कि इनके हिंज को काटना पड़ता है।