Stubborn Child : अक्सर बच्चे छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो हो जाते हैं या बात-बात पर रुठ जाते हैं, पर कुछ समय बाद फिर से पहले की तरह चहकने और खिलखिलाने लगते हैं। यह हरकत अगर एक या दो बार हो तो सही है, लेकिन अगर बात-बात पर गुस्सा करना बच्चे की आदत बन जाए, तो यह जिद का रूप ले सकती है। ऐस में माता-पिता को समय रहते बच्चे की आदत को बदलना जरूरी है।
जिद के पीछे क्या कारण?
अगर समय रहते इस आदत को न बदला गया तो बड़े होकर यह आदत उनके भविष्य को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। बता दें कि जिद्दी होना उनके स्वभाव के साथ-साथ कुछ बीमारियों के लक्षण भी हो सकते हैं। ऐसे में माता-पिता को पता होना चाहिए कि अगर उनका बच्चा बार-बार जिद कर रहा है, तो कहीं वह किसी मानसिक समस्या का शिकार तो नहीं। आज हम आपको बताने जा रहे है कि जिद के पीछे क्या क्या कारण होते हैं। साथ ही बच्चों को माता-पिता कैसे संभाले इसके बारे में भी पता होना जरूरी है।
बच्चों के जिद्दी होने के कारण
बच्चों के जिद्दी होने के पीछे का मुख्य कारण बच्चों में तनाव यानी स्ट्रेस होता है। जब बच्चों के आसपास तनावग्रस्त माहौल होता है, तो वह भी बच्चों को जिद्दी बना सकता है, जिसके कारण वे सबसे जिद करना शुरू कर देते हैं और हर छोटी-छोटी बातों पर जिद जैसे- स्कूल ना जाना, खाना ना जाना, खेलने ना जाना आदि चीजें शुरू कर देते हैं। जिन बच्चों के माता-पिता बच्चों को टाइम नहीं दे पाते, उनके अंदर भी जिद्दी स्वभाव नजर आने लगता है। वही जो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान जरूरत से ज्यादा स्मोकिंग करती हैं या सिगरेट का सेवन करती हैं, उनके बच्चे भी जिद्दी हो सकते हैं।
बच्चों के बनें रोल मॉडल
जिद्दी बच्चे को सुधारने के टिप्स में इसे अपनाना न भूलें। अगर माता-पिता ही छोटी- छोटी बातों पर झगड़ेंगे या बहस करेंगे, तो बच्चे का जिद्दी होना और अपनी भावनाओं या तनाव को गुस्से में व्यक्त करना आसान बन जाएगा। माता-पिता पहले व्यक्ति होते हैं, जिनसे उनके बच्चे सीखते हैं। ऐसे में अगर बच्चे अपने माता-पिता को हमेशा गुस्से में देखेंगे, तो बच्चों को लगेगा कि गुस्सा ही बातचीत का सबसे अच्छा तरीका है। माता- पिता को अपने बच्चों के लिए सबसे अच्छा रोल मॉडल बनना चाहिए। अगर वो चाहते हैं कि उनके बच्चे अच्छे से व्यवहार करें, तो सबसे पहले उन्हें अपने व्यवहार में परिवर्तन लाना होगा।
शांतिपूर्ण बनाएं माहौल
जिद्दी बच्चे को सुधारने की टिप्स में अगला है, अपने घर में खुशी से भरपूर शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखें। ऐसा माना जाता है कि बच्चों के लिए ऐसा माहौल होना बहुत जरूरी है। आपके बच्चे को कभी भी अपने माता- पिता या घर को लेकर बुरा नहीं महसूस होना चाहिए। खासतौर पर अगर आपका बच्चा जिद्दी है। घर में आपसी सम्मान, समझदारी और स्नेह का वातावरण बनाएं। बच्चे के अंदर अनुशासन के बीज डालना भी जरूरी है, लेकिन ध्यान रहे यह सब आप प्यार से करें। बच्चे को समझाएं कि अगर आपने घर में कुछ नियम बनाएं हैं, तो वो उनके भले के लिए ही बनाए गए हैं। जिद्दी बच्चे को सुधारने के टिप्स में इस बात का खास ख्याल रखें।
जिद्दी बच्चों के लक्षण
1. बच्चे का चिड़चिड़ा स्वभाव
2. छोटी बातों पर गुस्सा करना
3. सबसे अलग रहना
4. हर बात पर बहस करना
5. सबसे दुर्व्यवहार करना
6. हर किसी की बुराई करना
7. अपने आसपास असामान्य स्थितियां पैदा करना
8. किसी पर भी भरोसा ना कर पाना
9. हमेशा अपनी बात को ही महत्व देना
जिद्दी बच्चों को कैसे संभालें
धैर्य के साथ लें काम : अगर बच्चा आपकी बात नहीं सुन रहा है और वह आप से बहस कर रहा है, तो गुस्सा करने की बजाय शांत रहें और बच्चों को प्यार से समझाएं। अगर आप बच्चे को डांटेंगे तो वह और ज्यादा जिद करेगा और आपकी बात नहीं मानेगा। ऐसे में बच्चे के साथ धैर्य के साथ काम लेना जरूरी है।
बच्चों को दें समय : बच्चे की जिद करने के पीछे एक कारण यह भी है कि बच्चा अकेलेपन के कारण भी जिद्दी हो जाता है। ऐसे में बच्चे को उचित समय देना जरूरी है। अगर आप किसी काम में व्यस्त है आप अपने बच्चे को समझाएं और माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को अलग रखें। साथ ही अपने घर का माहौल भी खुशनुमा रखें।
दोस्तों के साथ रहने दें : कुछ माता-पिता ऐसे होते हैं, जो अपने बच्चे को घर पर ही रखते हैं और दोस्तों से मिलने या खेलने कूदने के लिए बाहर नहीं भेजते। उन्हें लगता है कि ऐसा करने से उनका बच्चा बिगड़ जाएगा लेकिन बता दें कि बच्चे को दोस्तों का साथ जरूरी है। इससे ना केवल उनका सामाजिक दायरा बढ़ता है।
हमेशा जिद पूरी न करें : बच्चों की 1-2 जिद पूरी करना आम बात है, लेकिन हर बार उसकी जिद पूरी करने से उसकी आदत बिगड़ सकती है। ऐसे में बच्चे की जिद को पूरा करने से बचें। अगर किसी चीज को ज्यादा ही जिद कर रहा है, तो सबसे पहले उसके पीछे का कारण जानें और उसके बाद यह निर्णय लें कि उसको पूरी करना है या नहीं!
रोकने-टोकने से बचें : अकसर माता-पिता बच्चे को हर बात पर टोकना या रोकना शुरू कर देते हैं। यह आदत बच्चों को जिद्दी बना देती है। ऐसे में कुछ चीजों के लिए बच्चों को आजादी देनी जरूरी है और अगर वह कोई गलत काम कर भी रहा है, तो बच्चों को समझाना चाहिए।
करें उनकी तारीफ : समय-समय पर बच्चों की तारीफ करना भी जरूरी है। ऐसा करने से बच्चे न केवल में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित होंगे बल्कि वे कुछ नया करने के लिए प्रेरित भी होंगे। ऐसे में आप बच्चों की छोटी-छोटी बातों पर तारीफ करें।