भोपाल : मध्यप्रदेश में सौरभ शर्मा के पास करोड़ो रूपए के काले धन का खुलासा होने के बाद से IT और ED की टीम मामले में लगातार कार्रवाई कर रही है। वही इस मामले को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी सियासी बयान बाजी तेज हो गई है। इसी कड़ी में बीते दिन दिग्विजय ने सौरभ शर्मा केस के तार को मंत्री गोविंद राजपूत से जोड़ते हुए 4 नामों का खुलासा किया था। जिस पर पलटवार करते हुए परिवहन विभाग मंत्री ने कहा कि जिसके घर शीशे के होते हैं, वे दूसरों पर पत्थर नहीं मारा करते है। बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी।
दिग्विजय की बातों को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता
मोहन सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के आरोपों पर पलटवार किया हैं। उन्होंने कहा कि हर चीज का जवाब देना जरूरी नहीं है। दिग्विजय की प्रेस कॉन्फ्रेंस को कोई गंभीरता से नहीं लेता है। उनकी बातों को कोई भी गंभीरता से नहीं लेता है। दिग्गी की कांग्रेस सरकार थी, उस समय के वन मंत्री उमंग सिंघार ने अपनी सरकार के ऊपर क्या क्या आरोप लगाए थे। उमंग सिंघार ने क्या क्या कहा था, यह सोशल मीडिया पर आज भी है।
जानें क्या था दिग्विजय सिंह का बयान
बता दें कि दिग्विजय सिंह ने कहा था कि “कांग्रेस की सरकार के समय कमलनाथ पर दबाव था कि परिवहन विभाग गोविंद राजपूत को दिया जाए। अब यह दबाव क्यों था, ये ज्योतिरादित्य सिंधिया बताएंगे। परिवहन में नियुक्ति के लिए कमलनाथ ने एक बोर्ड बना दिया था जिसके जरिए नियुक्ति होती थी।”
दिग्विजय सिंह ने कहा था कि, “सरकार गिरने पर कमलनाथ के गठित बोर्ड को खत्म करवा दिया गया था। नाके के लिए बोली लगती थी। जो ज्यादा बोली लगाता था, उसे चेक पोस्ट मिलता था। फिर सौरभ शर्मा कटर लगाकर पैसे बांटता था। मेरे पास जो जानकारी समाने आई है, इसमें चार लोग शामिल थे। जिसमें संजय श्रीवास्तव ऑर्डर करवाते थे, RTI वीरेश, दशरथ सिंह पटेल और सौरभ शर्मा वसूली करते थे। चारों की गिरफ्तारी कर मामला दर्ज करना चाहिए। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस होना चाहिए।