MP GOVT EMPLOYEES PROTEST भोपाल : 51 सूत्रीय मांगों को कल यानि की 7 फरवरी को राजधानी भोपाल में सरकारी कर्मचारी प्रदर्शन करने जा रहे है। जिसको लेकर अधिकारी-कर्मचारी ने रणनीति भी तैयारी कर ली है। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। यह प्रदर्शन भोपाल के सतपुड़ा भवन के बाहर किया जाएगा। जहां अधिकारी – कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह आंदोलन चार चरणों में किया जाएगा।
51 सूत्रीय मांगों को पूरी करने की मांग
बता दें कि मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सरकारी कर्मचारी संगठन राज्य सरकार से कर्मचारियों की 51 सूत्रीय मांगों को पूरी करने की मांग कर रहे हैं। एमपी अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चे के आंदोलन का यह तीसरा चरण है. सभी जिलों में कर्मचारी कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान वो अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपेंगे।
16 फरवरी को चौथे चरण के तहत होगा प्रदर्शन
7 फरवरी को प्रदेश के सभी जिलों के कर्मचारी-अधिकारी तीसरे चरण के तहत प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद 16 फरवरी को चौथे चरण के तहत प्रदर्शन किया जाएगा। इस दिन प्रदेश के सभी जिलों से प्रतिनिधि भोपाल के आंबेडकर पार्क पहुंचेंगे। यहां इकट्ठें होने के साथ सभा की जाएगी। सभा को मुख्य रूप से मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा में शामिल सभी घटक संगठनों के प्रांताध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी संबोधित करेंगे।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें ...
=कर्मचारियों की पदोन्नति पर लगी रोक हटाएं। लंबित 3% महंगाई भत्ता तत्काल दें। पुरानी पेंशन बहाल करें। वाहन और गृहभाड़ा भत्ता बढ़ाएं। अनुकंपा नियुक्ति में सीपीसीटी का बंधन हटाएं।
= कर्मचारी की परिवीक्षा अवधि 2 वर्ष करें। वाहन चालक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदनाम परिवर्तन करें। पेंशन के लिए अर्हता सेवा 25 वर्ष करें। लिपिकों की वेतन विसंगति दूर करें। संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करें।
= निगम-मंडल के कर्मचारियों को शासकीय सेवकों के समान लाभ दें। पेंशनरों के लिए धारा 49 समाप्त करें। लघु वेतन कर्मचारियों को ग्रेड वेतन एवं पदनाम परिवर्तित करने टैक्सी प्रथा बंद करें। कार्यभारित कर्मचारियों को अवकाश नगदी कारण का लाभ दें। शिक्षकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दें।