भुवनेश्वर। ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर अपने अनोखी मायताओं के लिए काफी प्रसिद्ध है। वहीं दिनों सोशल मीडिया इस मंदिर से जुड़ा एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। जिसमें मंदिर के शिखर पर लगे पवित्र ध्वज को एक गरुड़ अपने पंजों में दबाकर उड़ये नजर आ रहा है। एक ओर इस अनोखे दृश्य देखकर लोग काफी हैरान हो रहे है तो दूसरी ओर किसी अनहोनी की चिंता जता रहे हैं। जानकारी के मुताबिक भगवान जगन्नाथ मंदिर का ध्वज एक विशेष विधि से हर दिन बदली जाती है। और इसे बेहद शुभ मानते हैं। ऐसे में एक गरुड़ ध्वज लेकर उड़ गया तो ये लोगों के बीच चर्चा के साथ ही आशंका का विषय भी बन चुका है। आपको बतादें कि जगन्नाथ मंदिर के ध्वज की सबसे विशेष बात यह है कि ये हमेशा हवा के दिशा कुछ भी हो लेकिन ध्वज की दिशा हमेशा एक ही रहती है। यह विज्ञान को भी चुनौती देता है।
क्यों हर दिन बदला जाता है ध्वज:
इस घटना से वैज्ञानिक भी हैरान हैं। ध्वज के लहराने की दिशा निश्चित है, फिर हवा चाहे किसी भी दिशा की तरफ क्यों न चले। जगन्नाथ मंदिर का ध्वज हर दिन बदला जाता है। मान्यता है कि जिस दिन ध्वज को किसी भी वजह से नहीं बदला गया तो यह स्थान आने वाले 18 सालों तक बंद रहेगा। अगर इस बीच मंदिर के कपाट खोल दिए गए तो प्रलय भी आ सकता है। इस मान्यता से लोग हैरान होते हैं।रोजाना एक पुजारी 45 मंजिल जितनी ऊंची मंदिर के शिखर पर चढ़ता है और ध्वज को बदलता है।
मंदिर की प्रचलित कहानी :
प्राचीन कहानी के अनुसार एक भक्त ने सपने में एक बार देखा कि भगवान जगन्नाथ मंदिर का झंडा एक बार फट हुआ है। जिसके जब मंदिर के पुजारियों वह झंडा उसी हालत में मिला। जिसके बाद से ही एक नया झंडा हर दिन फहराने की परंपरा शुरू हुई। माना जाता है कि पुराना झंडा बुरी ऊर्जा को खींच लेता है, इसलिए उसे बदल दिया जाता है। 1000 किलोग्राम का चक्र मंदिर के ऊपर एक सुदर्शन चक्र लगा है। जिसका वजन करीब 1000 किलोग्राम है। विज्ञान भी हैरान है कि आखिर यह चक्क इतनी ऊंचाई पर कैसे पहुंचा क्योंकि उस समय तकनीक भी इतनी विकसित नहीं थी।