भोपाल :पराली जलाने से वातावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए सरकार ने एक नई स्कीम लॉन्च की है। जिसके तहत पराली नहीं जलाने वाले किसानों को सरकार अवार्ड के साथ प्रोत्साहन राशि भी देगी। यह राशि 1500 से 3 हजार रुपए तक होगी। जिसको पाने के लिए किसानों को 5 शर्तें को पूरा करना होगा। सरकार ने इस नई स्कीम को अन्नदाता मिशन (कृषक कल्याण मिशन) नाम दिया है।
जानें क्या है योजना का मुख्य उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में बढ़ोतरी, जैविक और प्राकृतिक खेती के क्षेत्र को बढ़ाना, खेती को जलवायु अनुकूल बनाना, किसानों को उच्च गुणवत्ता के खाद-बीज और कीटनाशनक उपलब्ध कराना, सस्ते ब्याज दरों पर लोन दिलाना और फूड प्रोसेसिंग और कृषि आधारित उद्योग पर फोकस करना है।
किसानों के लिए प्रोत्साहन राशि के लिए यह है शर्तें –
1- पराली जलाने से मुक्त खेती को अपनाना।
2- कृषि ऋण का समय पर भुगतान।
3- उर्वरक का बहुत कम इस्तेमाल वाली तिहलन व दलहन फसल का उत्पादन।
4- पानी के बहुत कम उपयोग वाली कृषि पद्धतियों को अपनाना।
5- कीटनाशकों का कम से कम उपयोग।
क्यों जलाई जाती है पराली
बता दें कि किसान पराली जलाकर अगली फसल के लिए खेत को तैयार करते है। इससे खेत तो साफ हो जाता है, लेकिन उसकी मृदा शक्ति पर विपरीत असर पड़ता है। पराली जलाने में सबसे आगे हरियाणा,पंजाब, दिल्ली है। तो वही अब मध्य प्रदेश भी इस लिस्ट में शामिल है। एमपी में तीन साल में पराली जलाने की 32 हजार से ज्यादा घटनाएं सामने आ चुके है। इसी पुष्टि कृषि विभाग के अधिकारियों ने की है। पराली जलाना बंद करना है, इसके लिए सरकार ने यह फैसला लिया।