भोपाल : मध्य प्रदेश के बुधनी और विजयपुर में 13 नवंबर को उपचुनाव होने जा रहे है। जिसको लेकर दोनों सीटों पर चुनावी शोर गुल शाम 5 बजे के बाद से थम चुका है। अब सिर्फ प्रत्यासी और उसके समर्थक डोर टू डोर प्रचार कर सकेंगे। यानि की अब 48 घंटे तक कोई भी पार्टी चुनावी जनसभा, रैली, रोड शो ऑडियो वीडियो के माध्यम से प्रचार नहीं कर सकेंगे। इस दौरान अगर कोई भी पार्टी का सदस्या इन कार्यो को करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरुद्ध चुनाव आयोग द्वारा सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को जारी किए जाएंगे।
इन्हे बनाया गया उम्मीदवार
बता दें कि विजयपुर सीट से बीजेपी ने वन मंत्री रामनिवास रावत को उम्मीदवार बनाया हैं। तो वही बुधनी सीट से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव चुनावी मैदान में है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने विजयपुर सीट से मुकेश मल्होत्रा को टिकट दिया गया है. कांग्रेस से विधायक रहे रामनिवास रावत ने बीजेपी से जुड़ने के बाद इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद विजयपुर सीट पर रिक्त हो गया. वहीं, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के सांसद चुने जाने के बाद बुधनी सीट रिक्त हो गया. बुधनी सीट से कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को टिकट दिया है।
चुनाव प्रचार पर रोक लगने के बाद नहीं कर सकते ये काम
1. चुनाव से जुड़ी कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस नहीं कर सकते, न ही उसमें उपस्थित हो सकते और न ही ऐसे किसी कार्यक्रम में संबोधित या भाषण दे सकते हैं।
2. सिनेमा, फिल्म, टेलीविजन या वैसे ही दूसरे किसी मीडिया के जरिए जनता के सामने प्रचार या उससे जुड़ी कोई बात नहीं कर सकते।
3. कोई संगीत समारोह या कोई नाट्य अभिनय या कोई दूसरे मनोरंजन या आमोद-प्रमोद जनता के सदस्यों को उसके प्रति आकर्षित करने की दृष्टि से, आयोजित करके या उसके आयोजन की व्यवस्था करके, जनता के सामने चुनाव संबंधी बात का प्रचार नहीं कर सकते।
4. कोई भी राजनैतिक व्यक्ति जो उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता या अभ्यर्थी नहीं है, इसके अलावा सांसद या विधायक नहीं है, वो उस निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद नहीं ठहर सकता।
5. राज्य की सुरक्षा कवच प्राप्त राजनैतिक व्यक्ति (अभ्यर्थी से अलग) अगर निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है, तो वो अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के बाद इलाके में घूमेगा फिरेगा नहीं।
6. इस दौरान अंतरराज्यीय सीमाएं भी सील रहेंगी।
7. जहां चुनाव होने हैं, उन क्षेत्रों में शराब की बिक्री पर रोक के साथ ड्राई डे रहेगा।
8. प्रिंट मीडिया में राजनैतिक विज्ञापनों जांच के बाद ही छापा जा सकेगा।
9. ओपिनियन पोल या दूसरे पोल सर्वे के प्रसारण पर रोक रहेगी। साथ ही, एग्जिट पोल के परिणामों को समाचार पत्रों में प्रकाशित या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रसारित करना या दूसरे किसी तरीके से प्रचार-प्रसार करने पर भी पूरी तरह रोक रहेगी।