भोपाल : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जल्द ही सरकारी दफ्तरों में काम ऑनलाइन होने लगेंगे। जिसको लेकर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए है। आदेश के तहत कलेक्ट्रेट कार्यालय में 1 मई से ई-आफिस सिस्टम लागू होंगे। इस नियम के लागू होते ही न सिर्फ काम में पारदर्शिता आएगी। बल्कि भ्रष्टाचार से भी बचा जा सकेगा।
पुरानी फाइलों को ढूंढना होगा आसान
दरअसल, 1 मई के बाद से ई-ऑफिस, ऑनलाइन प्रणाली लागू होगी। जहां पर सभी फाइल्स का संचालन ऑनलाइन के माध्यम से होगा। तो वही नियम लागू होने के बाद से हार्ड कॉपी स्वीकार नहीं की जाएगी। इतना ही नहीं ई-ऑफिस लागू होने से न सिर्फ समय की बचत होगी बल्कि पुरानी फाइलों को भी आसानी से ढूंढा जा सकेगा। इसके साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि कौन सी फाइल किस के पास लंबित है।
मोबाइल और लैपटॉप में भी देख सकेंगे फाइल
ई-ऑफिस शुरू होने से अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक कम्प्यूटर पर बैठकर अपनी फाइलें निपटाएंगे। इस सिस्टम के जरिए आसानी से कर्मचारी फाइलें सीनियर अधिकारियों के पास भेज सकेंगे। इतना ही नहीं अधिकारी मोबाइल और लैपटॉप से भी फाइल देख सकते हैं। यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म (E Office solutions) है जिसे सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और कागज रहित बनाने के लिए अपनाया गया है। यह खासतौर पर फाइलों के संचालन, दस्तावेजों के ट्रैकिंग और कार्यालयीन कार्यों के प्रबंधन को डिजिटल रूप में संचालित करने में मदद करता है।
क्या है ई-अफिस
1 जनवरी से मध्यप्रदेश में मंत्रालय सहित विभिन्न विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली लागू हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने समत्व भवन से इसकी शुरुआत की है। इसका उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों को तेज और पारदर्शी बनाना है। पूरी प्रक्रिया पेपरलेस होगी। प्रदेश में इसे 3 चरणों में पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा। कागजी नोटशीट फाइलें नहीं चलेंगी, उनकी बजाए ऑनलाइन फाइलें इधर से उधर जाएंगी।
ऐसे काम करता है ई-ऑफिस सिस्टम
● फाइलों के डिजिटल रूपांतरण के तहत कागजी फाइलों को स्कैन कर सिस्टम में अपलोड किया जाता है।
● अधिकारी और कर्मचारी डिजिटल रूप से फाइल पर नोट लगा सकते हैं। टिप्पणियां दे सकते हैं और स्वीकृति दे सकते हैं।
● हर फाइल और नोट की स्थिति जैसे कहां रुकी है, किसके पास है जैसी स्थितियों को रियल टाइम में ट्रैक किया जा सकता है।
● ऑफिस के अंदर सूचना भेजने और प्रगति की निगरानी के लिए डैशबोर्ड और मेल सिस्टम होता है।