MP Workers Strike : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार की नाक में दम करने के लिए प्रदेश के स्थाई कर्मी, दैनिक वेतन भोगी और अंशकालीन कर्मचारी अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर रविवार को राजधानी के आंबेडकर पार्क में प्रदर्शन शुरू हो गया है। मप्र कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे के नेतृत्व में कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पैदल मार्च करते हुए मुख्यमंत्री को अपनी मांगों का ज्ञापन भी सौंपेंगे।
कर्मचारियों की मांगे
अशोक पांडे ने बताया कि प्रदेश के 32 हजार स्थाई कर्मी सातवें वेतनमान का लाभ देने एवं 28 हजार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी नियमित करने तथा 55 हजार अंशकालीन कर्मचारी कलेक्टर रेट का वेतन देने की मांग के समर्थन में काम बंद हड़ताल कर धरना दिया जा रहा है। पांडे ने कहा कि स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करना, पेंशन सुविधा, मेडिकल व बीमा सुविधा का लाभ, अनुकंपा नियुक्ति जैसी जायज मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। सरकार मांगों को संज्ञान में लेकर मंजूर नहीं कर रही है जिस कारण प्रदेश के स्थाई कर्मियों दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी एवं अंशकालीन कर्मचारी में असंतोष व्याप्त हो गया है।
सड़कों पर उतरेंगे सचिव!
वही प्रदेश के 23 हजार से अधिक पंचायत सचिव 26 मार्च से 1 अप्रैल तक छुट्टी पर जाने की तैयारी कर रहे है। सामुहिक अवकाश पर जाने से पहले पंचायत सचिव अपनी 7 सूत्रिय मांगों को लेकर ब्लॉक, जिला मुख्यालय के जिला अध्यक्ष अपने अपने जिलों के कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपेंगे। अब उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वे 26 मार्च से 1 अप्रैल तक सामुहिक अवकाश पर जाएंगे और सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
और बढ़ेगी हड़ताल?
पंचायत सचिव संगठन का कहना है कि प्रदेशभर के करीब 23 हजार से अधिक पंचायत सचिव 7 दिनों के सामूहिक अवकाश पर जा रहे है। संगठन द्वारा सरकार को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगर हमारी मांगों का निराकरण नहीं किया गया तो हम हड़ताल को और आगे बढ़ाएंगे। हम अनिश्वितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।