रायपुर। प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा रायपुर में 24 दिसंबर से राजधानी रायपुर के सेजबहार में चल रही है। अपने कथा के दौरान अक्सर चर्चा में आने वाले पं प्रदीप मिश्रा ने एक बार फिर ईसाई समाज द्वारा मनाये जाने वाले क्रिसमस को लेकर बयान सामने आया है।
कथा में पंडित प्रदीप मिश्रा ने क्रिसमस को लेकर बड़ी बात कहते हुए कहा कि अपने बच्चों को लाल ड्रेस और टोपी मत पहनाइये, ऐसे कपड़ों में बच्चे जोकर लगते हैं, उनका मजाक बनता है। उन्होंने कहा कि अपना धर्म छोड़कर किसी दूसरे धर्म में जाकर जूठन मत खाइए, अपने बच्चों को वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, झांसी की रानी जैसे कपड़े पहनाए।
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के द्वारा दिए गए इस बयान ने फिर एक बार धर्मनिरपेक्षता पर सवाल खड़ा कर दिया है। आपको बता दें कि भोपाल में कथित हिंदूवादी संगठन के सदस्यों ने जोमेटो में खाना डिलीवर करने वाले एक शख्स को पकड़ लिए और उससे उठक बैठक कराई। उस सख्स की गलती ये थी की वह 25 दिसंबर यानी क्रिसमस के मौके पर सेंटाक्लॉस बनकर खाना डिलीवर करने निकला था। एक दिन के लिए क्रिसमस को मजेदार बनाने के लिए जोमेटो कम्पनी द्वारा यह पॉलिसी निकली गई थी। कुछ युवा हिन्दू संगठन के सदस्यों द्वारा उस जोमेटो बॉय को पकड़कर उसकी क्लास लगाई गई और साथ ही सेंटा के कपड़े और टोपी उतरवाया गया साथ ही कहा गया की फ़ूड डिलीवरी नार्मल ड्रेस में करो। हिन्दू त्यवहारों पर तो आप लोग श्रीराम और हनुमान के वेशभूषा में खाना डिलीवरी नहीं करते तो क्रिसमस के मौके पर ऐसा भी मत करो।
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है सबको अपना धर्म और कपड़े पहनने की आजादी है लेकिन कुछ ख़ास तबके के लोग कम्युनिटी और धर्म के नाम पर लोगों के बीच आज भी जहर घोलने के लिए बीच बीच में इस तरिके के उल जुलूल बयान और कारनामे करते रहते हैं।