MP Politics : कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना द्वारा विधानसभा में रेत माफिया नहीं, पेट माफिया वाले बयान पर भोपाल में भले ही हो हल्ला मचा हुआ हो, लेकिन यह जिस क्षेत्र का मामला है, वहां विपक्ष के विधायक कृषि मंत्री की ही भाषा बोल रहे हैं। एक तरह से कहा जाए तो समर्थन कर रहे हैं। कई कांग्रेसी विधायक कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं, एक तरह से यह भी अप्रत्यक्ष रूप से कृषि मंत्री के बयान का समर्थन ही है।
बोलने कतरा रहे कांग्रेस विधायक
बता दें कि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने विधानसभा में बयान दिया था कि चम्बल क्षेत्र में रेत माफिया नहीं, पेट माफिया है। लोग अपनी आजीवका को चला रहे हैं। उनके इस बयान को लेकर जब चम्बल क्षेत्र के कांग्रेस विधायकों से चर्चा की तो वे मामले में बोलने से बचते दिखाई दिए।
चंबल क्षेत्र को बदनाम किया जा रहा
मुरैना से कांग्रेस विधायक दिनेश गुर्जर ने रेत माफिया नहीं, पेट माफिया के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि चंबल क्षेत्र को माफिया-माफिया कहकर बदनाम किया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि होशंगाबाद, रायसेन और सिंगरौली सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में किसी की नजर नहीं है, जहां डंपरों से बड़ी मात्रा में रेत का परिवहन हो रहा है। प्रोफेशनल तरीके से गैंग काम कर रहा है। चंबल नदी की रेत खेतों तक बहकर आ जाती है तो किसान उसको ट्राॅली में भरकर अपना जीवन यापन करता है। अब इसे माफिया राज कहा से कहा जाएंगा। सबसे बड़ी बात यह है कि भाजपा के राज में अवैध वसूली चल रही है, जहां प्रशासन को पैसा नहीं मिलता, वहां माफिया करार दे दिया जाता है।
अभी बाहर हूं, कुछ नहीं कह पाउंगा
अम्बाह से कांग्रेस विधायक देवेंद्र रामनारायण सखवार ने कहा कि इस समय क्या कह सकता हूं, अभी तो बाहर हूं। जौरा से कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने कहा कि अभी बाहर हूं, इसलिए कुछ नहीं कह पाउंगा। बयान के मामले में जब मंत्री एदल सिंह कंसाना की प्रतिक्रिया चाही गई तो उनके स्टाफ ने बताया कि मंत्री अभी मीटिंग में व्यस्त हैं।
जनता रो रही है और माफिया हंस रहा
मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष, अमरपाटन विधायक डॉ. राजेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा द्वारा रीवा पुलिस की कार्यप्रणाली पर सदन में एक सवाल उठाया गया, जिसके जबाव में मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल न सिर्फ भावुक हुये बल्कि वह रोने भी लगे। यह देखकर सारा सदन सकते में आ गया। उधर कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा तो रो ही रहे थे लेकिन मंत्री भी रोने लगे। अब सवाल यह है कि विधानसभा में सरकार रो रही है, विपक्ष भी रो रहा है, और महंगाई के कारण प्रदेश की जनता भी रो रही है और पुलिस भी पिट रही है तो आखिर हंस कौन रहा है?
डॉ. सिंह ने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में अवैध कारोबार में लिप्त सरकार के संरक्षण में फल फूल रहे शराब माफिया, खनन माफिया, भू माफिया, कोयला माफिया, शिक्षा, चिकित्सा माफिया और तरह-तरह के माफिया हंस रहा है, क्योंकि सरकार की शह पर माफिया से अवैध वसूली कर मोटी रकम जुटाई जा रही है प्रदेश का आलम यह है कि मप्र में आपराधिक तत्वों का कानून से खौफ खत्म हो गया है।